गणेश चतुर्थी पूरे भारत में हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है, ज्ञान और समृद्धि के देवता भगवान गणेश के जन्मदिन की ख़ुशी में मनाया जाता है। यह उत्सव पांच से दस दिनों तक जारी रहता है। मान्यता यह भी है की भगवन गणेश की प्रार्थना करने से कामनाओं की पूर्ती होती है तथा उनका आशीर्वाद जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है। हालांकि इस बात का ज्ञान किसी को नहीं है की यह त्यौहार पहली बार कब मनाया गया था, लेकिन कथित तौर पर इस त्यौहार की शुरुआत पुणे शहर से हुई थी। गणपति शिव और पार्वती के पुत्र हैं, उनके जन्म से विभिन्न दंतकथाएँ जुड़ी हुई हैं।
गणेश को 108 अलग-अलग नामों से जाना जाता है तथा कला और विज्ञान के भगवन का देवता भी कहा जाता हैं। हर समारोहों की शुरुआत में गणेश जी को सबसे पहले सम्मानित किया जाता है। उन्हें प्रिय रूप से गणपति या विनायक के रूप में भी जाना जाता है।
गणेश चतुर्थी त्योहार के दौरान हर घर में भगवान गणेश विराजमान होते हैं। गणेश के पंडालों को भव्य रूप से फूलों, रोशनी आदि से सजाया जाता है। लोग पूरी प्रशंसा और उत्साह के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं। गणपति बप्पा बहुत प्यारे भगवान होने के साथ बच्चों के पसंदीदा भी हैं। इस त्यौहार से समय बच्चे गणपति बाप्पा को घर पर लाने के लिए भी बहुत उत्साहित होते हैं। गणेश चतुर्थी के त्योहार में, लोग अपनी छुट्टियों का आनंद गणेश जी की पूजा करके लेते है।
लोग भगवान गणेश को अपने घर लाने के बाद उनकी नियमित रूप से पूजा करते हैं तथा उनकी पसंदीदा मिठाई ‘मोदक’ भी चढ़ाते हैं।यह त्योहार साल में एक बार बड़े उत्साह और धूम धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में मनाया जाता है।