साल 2019 में भारत में होने वाले लोकसभा इलेक्शन्स की चर्चा ज़ोर-शोर पर है। सभी की निगाहें इस साल होने वाले इलेक्शन्स पर हैं और देश-विदेश में हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि आखिर किस पार्टी को भारत की जनता अपने अधिक मत देकर चुनती है। हाल ही में कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रियंका गांधी को भारत की राजनीति में पहली बार औपचारिक तौर पर उतारा जा रहा है। कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव बनाकर पूर्व उत्तरी प्रदेश की कमान सौंपी है। इस पर अमेठी दौर पर गए हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश की राजनीति को बदलना चाहते हैं. हम कांग्रेस की विचारधारा से लड़ रहे हैं।
हाल ही में स्मृति ईरानी को कांग्रेस पर धारदार हमले के लिए प्रवक्ता बनाया गया है, क्योंकि वह हाजिरजवाब और स्पष्ट वक्ता हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में ईरानी ने कांग्रेस के गढ़ अमेठी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चुनौती दी थी। नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों पर आरोपों के संबंध में भाजपा की ओर से हमला करने में वह हमेशा मुखर रही हैं। भाजपा के लिए 2019 लोकसभा चुनाव ) एक मुश्किल संघर्ष होगा, खासकर उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के वजह लड़ाई कड़ी होगी। यह स्वीकार किया है पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने। भाजपा सांसद ने कहा, ‘यह स्वीकार करने में कोई हानि नहीं है कि सपा (समाजवादी पार्टी) और बसपा (बहुजन समाज पार्टी) के महागठबंधन के बाद लड़ाई मुश्किल होगी।’
वहीं लेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को हैक करने संबंधी एक साइबर विशेषज्ञ के दावे पर कांग्रेस ने कहा कि ईवीएम से जुड़े संदेह को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान सुनिश्चित करे।