नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता एवं उपमुख्यमंत्री मनीष (Manish) सिसोदिया (Sisodia) दिल्ली (Delhi) आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तारी हो गई है। सीबीआई ने 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। सिसोदिया की यह गिरफ्तारी सबूतों को नष्ट करने के आरोप में हुई है।
“Gave evasive replies, did not cooperate…” says CBI on Manish Sisodia’s arrest
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— ANI Digital (@ani_digital) February 26, 2023
सिसोदिया को सोमवार को दोपहर में अदालत में पेश किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों ने आबकारी नीति के विभिन्न पहलुओं, दिनेश अरोड़ा और अन्य आरोपियों के साथ उनके कथित संबंधों और कई फोन से संदेशों के आदान-प्रदान के विवरण सहित अन्य मुद्दों पर मंत्री से पूछताछ की।
सीबीआई जांचकर्ता सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार किया गया।
‘सिसोदिया की गिरफ्तारी तानाशाही की इंतेहा है’
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह तानाशाही की इंतेहा हैं। वहीं, बीजेपी की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि सिसोदिया ने दिल्ली के हजारों लाखों परिवारों को शराब के नशे के जाल में धकेला था।
मिश्रा ने कहा कि जब कोरोना के काल में जब लोगों को दवाइयां, ऑक्सिजन सिलेंडर उपलब्ध कराने थे तब शराब के ठेके खोलने का काम किया। इस पाप पर दिल्ली की माता-बहनों ने जो बद्दुआ दी है, उससे सिसोदिया गिरफ्तार हुए हैं। सिसोदिया को अब लंबे समय तक जेल में रहना पड़ेगा।
शराब नीति से डीलरों को हुआ फायदा
इससे पहले सीबीआई ने सिसोदिया के ‘करीबी सहयोगी’ दिनेश अरोड़ा के इकबालिया बयान, साउथ लॉबी के कथित सदस्यों और नीति को अपने पक्ष में कराने वाले नेताओं व शराब कारोबारियों के समूह से मिली जानकारी के आधार पर उपमुख्यमंत्री से विस्तृत पूछताछ की। आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने की दिल्ली सरकार की नीति से कुछ डीलरों को फायदा पहुंचा।
आरोप है कि इन लोगों ने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इस आरोप का खंडन किया था। सीबीआई के अनुसार यह भी आरोप है कि आबकारी नीति में बदलाव, लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित अनियमितताएं की गईं।