नई दिल्ली: भारत (India) में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के बीच अब सरकार जल्द ही कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक और बूस्टर डोज के बीच के अंतराल को कम कर सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह यानी NTAGI इस अंतराल को कम करने की सिफारिश कर सकता है जिसपर 29 अप्रैल को बैठक होने वाली है।
दरअसल ICMR की जांच में पता चला है कि प्रारंभिक टीकाकरण से करीब छह महीने बाद एंटीबॉडी का स्तर कम होने लगता है। बूस्टर खुराक देने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। जिस कारण जांच के आधार पर अब वैक्सीनेशन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच का अंतर 9 महीने से घटा कर 6 महीने करने की पूरी संभावना है।
बूस्टर डोज पर LNJP अस्पताल के एमडी से खास बातचीत
दिल्ली के LNJP अस्पताल के एमडी डॉ सुरेश कुमार ने सोमवार को कहा कि COVID वैक्सीन की एहतियाती खुराक यानी बूस्टर डोज शरीर के इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मददगार होगी। इसलिए हर किसी को बूस्टर डोज लेना चाहिए जिससे आप अपने परिवार और समाज को इस महामारी से बचा सकें।
वैक्सीनेशन के बाद मरीज की संख्या में कमी
एमडी ने कहा कि, “हमने देखा है कि कोरोना के दो डोज के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। कोरोना संक्रमण से अस्पताल में भर्ती होने वाले ज्यादातर वही लोग हैं जिनका वैक्सीनेशन अधूरा है। वहीं तीसरी खुराक परिवार और समाज की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।”