- विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत करने के लिए श्रीलंका सरकार ने लिया फैसला
- इस बीच, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 479.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया
कोरोना संकट की वजह से दुनियाभर की इकोनॉमी प्रभावित हो रही है. इसका असर भारत के पड़ोसी मुल्क श्रीलंका पर भी पड़ा है. श्रीलंका सरकार इस हालात से निपटने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. इसी के तहत, अब विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है. यही वजह है कि श्रीलंका सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के साथ 40 करोड़ डॉलर मुद्रा की अदला-बदली का करार करने जा रही है.
क्यों पड़ी श्रीलंका को जरूरत?
इसकी जानकारी देते हुए श्रीलंका के सूचना एवं संचार मंत्री बंडुला गुणावर्धन ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे द्वारा रखे गए रिजर्व बैंक के साथ वित्तीय सुविधा के करार संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इससे देश को लघु अवधि की अंतरराष्ट्रीय नकदी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
गुणावर्धन ने कहा कि श्रीलंका, रिजर्व बैंक के साथ 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा अदला-बदली का कॉन्ट्रैक्ट करेगा. उन्होंने कहा कि इस कदम का मकसद देश के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करना है.बता दें कि व्यापार संबंधी भुगतान करते समय दो देश मुद्रा अदला-बदली करार करने का फैसला करते हैं.
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का हाल
इस बीच, रिजर्व बैंक ने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े जारी किए हैं. इसके मुताबिक 17 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 3.09 अरब डॉलर बढ़कर 479.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.81 अरब डॉलर बढ़कर 476.47 अरब डॉलर हो गया था. वहीं छह मार्च को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशीमुद्रा भंडार 5.69 अरब डॉलर बढ़कर 487.23 अरब डॉलर पर पहुंच गया था जो अब तक का रिकॉर्ड है.
वर्ष 2020-21 के दौरान देश का विदेशीमुद्रा भंडार करीब 62 अरब डॉलर बढ़ा है. भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (जो विदेशीमुद्रा का सबसे बड़ा हिस्सा है) 1.55 अरब डॉलर बढ़कर 441.88 अरब डॉलर के बराबर रही. इस दौरान स्वर्ण भंडार 1.54 अरब डॉलर बढ़कर 32.68 अरब डॉलर पहुंच गया है.