सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म के लिए सरकार लाई नए कानून

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सोशल (social) मीडिया ( media) OTT प्लेटफॉर्म और डिजिटल कंटेंट  के लिए मोदी सरकार नए कानून लेकर आई है। कानूनमंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सोशल मीडिया भारत में बिजनेस करें, लेकिन डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा। सोशल मीडिया कंपनियों के लिए भी एक प्रॉपर मैकेनिज्म होना चाहिए।

सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) ने भी कहा है कि सोशल मीडिया और फेक न्यूज को लेकर एक गाइडलाइन बनाई जानी चाहिए। क्रिमिनल भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. नए कानून को आसान भाषा में यहां समझें।

1.केंद्र सरकार डिजिटल कंटेंट को नियमित करने वाला कानून लाई है, ये अगले तीन महीने में लागू होगा। साधारण शब्दों में कहें तो डिजिटल प्लेटफॉर्म चलाने वाली कंपनियों को तीन महीने का समय दिया गया है ताकि वे इन नए कानूनों के हिसाब से काम कर सकें।

2.सोशल मीडिया कंपनियों को एक ग्रीवांस मेकेनिज़्म रखना होगा और 15 दिनों में प्रॉब्लम को एड्रेस करना होगा। लगातार बताना होगा कि कितनी शिकायत आई और उस पर क्या कार्रवाई की गई। पहली खुराफात किसने की ये भी बताना होगा।

3.अगर भारत के बाहर से शुरू हुआ है तो ये भी बताना होगा कि किसने शुरू किया।

4.सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अफसरों की तैनाती करनी होगी, साथ ही भारत में भी प्लेटफॉर्म्स को अपने नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी।

5.किसी भी आपत्तिजनक कटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा, हर महीने कितनी शिकायतों को निपटारा हुआ ये भी बताना होगा।

6.अफवाह फैलाने वाला पहला व्यक्ति कौन है, उसकी जानकारी भी देना जरूरी है. इसमें भारत की संप्रभुता , सुरक्षा, विदेशी संबंध और रेप जैसे अहम मसलों को शामिल किया जाएगा।

7.जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया करता है वैसे ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी।

8.कोई गाइडलाइंस सभी पार्टियों पर भी लागू होंगी। फिर चाहे पार्टी विशेष से जुड़ा कोई व्यक्ति क्यों न हो।

9.ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया को अपने काम की जानकारी देनी होगी कि वे कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं. इसके बाद सभी को सेल्फ रेगुलेशन को लागू करना होगा।

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