नई दिल्ली : देश में कोरोना (corona) वायरस (viris) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आंकड़ा दो लाख के करीब पहुंच गया है. वायरस को खत्म करने की दिशा में टेस्टिंग होनी बहुत जरूरी है, जोकि जरूरत के हिसाब से नहीं हो पा रही.
ऐसे में CSIR यानी Council of Scientific & Industrial Research ने एक टेस्टिंग टेक्नोलॉजी विकसित की है, जो टेस्टिंग के क्षेत्र में बड़ा राहत बन सकती है. CSIR की इस नई टेस्टिंग किट से एक साथ कम से कम 50 हज़ार तक की बड़ी आबादी का कोरोना टेस्ट डेढ़ से दो दिनों में किया जा सकेगा.
वहीं ये किट दूसरे माध्यमों से ज्यादा सस्ती भी होगी. हैदराबाद के सेन्टर फ़ॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के लैब ने नेक्स्ट जेनेरेशन सिक्वेंसिंग टेक्नोलॉजी के सहारे इस खोज को अंजाम दिया है.
शुरुआती सफलता मिल चुकी है और टेस्टिंग जारी है. इस टेस्ट की तकनीक को अंतिम रूप देने को लेकर हैदराबाद के सेन्टर फ़ॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने बेंगलुरु के एक कंपनी सिंजिन से हाथ मिलाया है जिनसे लोगिस्टिक मदद मिलेगी. बताया जा रहा है कि 2-4 हफ़्तों में ये तकनीक रेगुलेटर के अप्रूवल के लिए लाई जाएगी.
500-600 रुपए तक में हो जाएगी टेस्टिंग
CSIR की यह टेस्टिंग किट काफी सस्ती भी है. उन्होंने बताया कि दोनों किट से 500 रुपए तक में टेस्ट मुमकिन हो पाएगा और RT PCR से जल्दी हो जाएगा. एक टेस्ट करने में 500-600रु लगेंगे और 10 हज़ार-50 हज़ार टेस्ट करने में सैंपल से लेकर रिजल्ट बताने में 30-35 घंटे लगेंगे. मतलब डेढ़ दो दिन का टाइम लगेगा इसमें.
एक साथ 50,000 टेस्टिंग के लिए बन रही है स्ट्रेटेजी
डॉ मांडे ने कहा, ‘एक स्ट्रेटेजी हमलोगों की चल रही है कि अगर टेस्टिंग बहुत बड़े स्तर पर करनी हो एक साथ अगर 50 हज़ार सैंपल करने हों तो उसके लिए सब सैंपल को इकट्ठा करके हर सैंपल को हम एक टैग लगाते हैं जिसे बारकोडिंग कहते हैं और फिर बाद में उसका सिक्वेंसिंग करें तो ये प्रयास ज़रूर चल रहा है.’ में 30-35 घंटे लगेंगे. मतलब डेढ़ दो दिन का टाइम लगेगा इसमें.