Corona Virus: अमेरिका के पहले वैक्सीन का इंसानी ट्रायल सफल, दवाई बनाने वाली कंपनी मॉर्डना का शेयर 30% तक चढ़ा

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  • वैक्सीन पाने वाले कैंडिडेट्स का इम्यून सिस्टम कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों के बराबर या उनसे ज्यादा ताकतवर पाया गया
  • पहले ट्रायल में 18 से 55 वर्ष की उम्र के 45 स्वस्थ प्रतिभागी शामिल किए गए थे और इनमें से 8 के नतीजे अच्छे मिले हैं

कोरोनावायरस से फैली महामारी कोविड-19 को रोकने के लिए चल रहे वैक्सीन के पहले फेज के ट्रायल में अच्छी खबर अमेरिका से आई है। यहां के पहले कोरोना वैक्सीन के इंसानों पर चल रहे ट्रायल के बहुत ही सकारात्मक नतीजे मिले हैं।

इसे बनाने वाली बोस्टन स्थित बायोटेक कंपनी मॉर्डना ने सोमवार शाम इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि जिन प्रतिभागियों पर उसके mRNA वैक्सीन का ट्रायल किया गया, उनके शरीर में उम्मीद से अच्छी इम्यूनिटी बढ़ी है और साइड इफेक्ट्स भी मामूली हैं।

इस खबर ने वॉल स्ट्रीट में जोश भरने का काम किया और एस एंड पी 500 यूएस बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स दोपहर के कारोबार में 3 प्रतिशत ऊपर चढ़ गया। इसके साथ ही मॉडर्न के शेयर ने करीब 30 फीसदी की छलांग लगाई और शेयर के दाम 66 डॉलर से उछलकर 87 डॉलर तक चढ़ गए।

वैक्सीन का प्रभाव सुरक्षित और सहनीय
सोमवार को मॉर्डना ने प्रारंभिक चरण के ट्रायल के अंतरिम परिणामों के बारे में बताया। इसके अनुसार mRNA-1273 नाम का यह वैक्सीन जिस कैंडिडेट को दिया गया था, उसके शरीर में केवल मामूली दुष्प्रभाव देखे गए और वैक्सीन का प्रभाव सुरक्षित और सहनीय पाया गया।

मॉर्डना ने बताया कि वैक्सीन पाने वाले कैंडिडेट्स का इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों के बराबर या उनसे ज्यादा ताकतवर पाया गया। मॉर्डना के सीईओ स्टीफन बैंसेल ने कहा कि वे इससे बेहतर डेटा की उम्मीद नहीं कर सकते थे।

42 दिनों में इंसानों पर ट्रायल वाली पहली कम्पनी
मॉर्डना पहली अमेरिकी कंपनी है, जिसने वैक्सीन की रेस में सबको पीछे छोड़ दिया है। कंपनी ने वैक्सीन के लिए जरूरी जेनेटिक कोड पाने से लेकर उसका इंसानों में ट्रायल तक का सफर मात्र 42 दिनों में पूरा कर लिया। यह भी पहली बार हुआ कि जानवरों से पहले इंसानों में ट्रायल शुरू कर दिया गया था।

16 मार्च को सिएटल की काइज़र परमानेंट रिसर्च फैसिलिटी में सबसे पहले यह वैक्सीन दो बच्चों की मां 43 वर्षीय जेनिफर नाम की महिला को लगाया गया। पहले ट्रायल में 18 से 55 वर्ष की उम्र के 45 स्वस्थ प्रतिभागी शामिल किए गए थे। इनमें से शुरू में 8 को ये वैक्सीन लगाया गया था।

शुरुआती चरण में मामूली साइड इफेक्ट्स
मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी टाल जकस ने कहा कि नतीजों से पता चला है कि वैक्सीन की बहुत थोड़ी मात्रा देने पर भी कुदरती संक्रमण से मुकाबले के लिए इम्यून सिस्टम ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है। इन नतीजों और चूहों पर की गई स्टडी के बाद मिले डेटा के आधार पर कम्पनी अब आगे के ट्रायल कम डोज देकर करने की योजना बना रही है।

उन्होंने बताया कि ट्रायल के शुरुआती चरण में ऐसे साइड-इफेक्ट्स थे जो कई वैक्सीन के लिए आम होते हैं, जैसे – कुछ लोग इंजेक्शन की जगह पर लालिमा और ठंडेपन का अनुभव करते हैं। इन आंकड़ों ने हमारे विश्वास को पुष्ट किया कि mRNA-1273 में कोविड -19 को रोकने की क्षमता है।

मॉर्डना का शेयर तीन गुना तक बढ़ा
मॉर्डना कम्पनी के शेयर की कीमत फरवरी के बाद से तीन गुना से अधिक हो गई है और शुक्रवार को बंद हुए स्तर के मुकाबले 240 फीसदी बढ़ी है। प्रीमार्केट ट्रेडिंग में, मॉडर्ना का शेयर शुक्रवार के 66.69 डॉलर के बंद भाव के मुकाबले 86.14 डॉलर पर खुला।

कोरोनावायरस वैक्सीन के सफल ट्रायल ने नैस्डेक मार्केट के निवेशकों में ऐसा जोश भरा कि शेयर 25 फीसदी से ऊपर उछल गया और एक बार तो 30 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 87 डॉलर प्रति शेयर के लेवल पर देखा गया।

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