निर्मोही अखाड़ा का दवा ख़ारिज
1949 में 2 मूर्तियाँ रखी गई -CJI
मीर बांकी ने बाबर के वक़्त मज़्जिद बनवाई
सर्व समम्मति से लिया जाएगा फैसला लिया जाएगा :SC
शिया सुन्नी मामले में शिया बोर्ड याचिका ख़ारिज
सर्व समम्मति सेलिया जायेगा फैसला
इस समय पूरे देश की निगाहें राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है। सभी लोग बेताबी से इसका इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की विशेष अयोध्या बैंच के पांचों जज फैसला लिखने में मशगूल हैं। फैसला 9 नवम्बर को आने जा रहा है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के सामने सारे तथ्य, अब खुली किताब की तरह हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ एकमत से पहले ही अयोध्या के विवादित स्थल को ‘राम जन्मभूमि’ घोषित कर चुकी है। 30 सितंबर 2010 को यह ऐतिहासिक फैसला जस्टिस सुधीर अग्रवाल, जस्टिस एस.यू. खान, जस्टिस धर्मवीर शर्मा की बेंच ने कहा था कि विवादित ढांचे का केंद्रीय गुंबद ‘भगवान राम का जन्म स्थान’ रहा है। इसका आधार हिंदुओं की आस्था और उनका विश्वास है। सुप्रीम कोर्ट में भी असल विवाद सिर्फ जन्मभूमि को लेकर है। यानी वह भूमि जो बाबरी मस्जिद के तीनों गुम्बदों के नीचे थी। जहां तम्बू में अभी राम की मूर्ति विराजमान है। इसे हिन्दू गर्भगृह मानता है।