ट्रम्प के आदेश पर ईरान के सबसे ताकतवर आर्मी जनरल मारे गए, अमेरिका ने रॉकेट से बगदाद एयरपोर्ट पर किया हमला

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  • अमेरिकी हमले में ईरान की विशेष सेना के प्रमुख जनरल कासिम और ईरान समर्थित संगठन के कमांडर अबु महदी मारे गए

  • जनरल कासिम ईरान के सुप्रीम लीडर अयोतुल्ला खम्नेई के करीबी, ट्रम्प ने उन्हें हाल ही में ब्लैकलिस्ट किया था

  • अमेरिका ने बगदाद स्थित अपने दूतावास पर ईरान समर्थित भीड़ के हमले के 48 घंटे बाद जनरल कासिम पर यह कार्रवाई की

  • हमले के बाद व्हाइट हाउस ने कहा- जनरल कासिम मध्य-पूर्व में अमेरिकी राजनयिकों को मारने की साजिश रच रहा था

इराक: इराक के बगदाद एयरपोर्ट पर गुरुवार देर रात अमेरिकी ड्रोन्स ने रॉकेट से हमला कर दिया। इसमें ईरान की इलीट कुद्स सेना के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी और इराक के ईरान समर्थित संगठन- पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स (पीएमएफ) के कमांडर अबु महदी अल-मुहंदिस समेत 8 लोगों की मौत हो गई। व्हाइट हाउस के मुताबिक, जनरल कासिम मध्य-पूर्व में अमेरिकी राजनयिकों और इराक में सैनिकों को मारने की साजिश रच रहे थे। राष्ट्रपति ट्रम्प के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने अपने जवानों की रक्षा के लिए जनरल कासिम को मार गिराया। वे ईरान की विशेष सेना रेवोल्यूशनरी गार्ड की कुद्स फोर्स के प्रमुख थे। यह अमेरिका के लिए आतंकी संगठन है। 

अमेरिकी दूतावास ने कहा- नागरिक जितनी जल्दी हो सके इराक छोड़ दें 

जनरल कासिम की मौत के बाद इराक की विद्रोही शिया सेना ने अपने लड़ाकों को तैयार रहने के लिए कहा है। बगदाद में मौजूद अमेरिकी दूतावास ने नागरिकों को जल्द से जल्द इराक छोड़ने की सलाह दी है। दूतावास से जारी बयान में कहा गया कि अमेरिकी नागरिक जितनी जल्द हो सके विमानों से और मुमकिन हो तो सड़क के रास्ते दूसरे देश चले जाएं। इसके साथ ही इराक की काउंटर-टेररिज्म फोर्स को दूतावास की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी गई। 

अमेरिका ने एमक्यू-9 ड्रोन से हमला किया

जनरल कासिम सीरिया से गुरुवार रात ही बगदाद एयरपोर्ट पहुंचे थे। उनके समर्थक शिया संगठन के अधिकारी उन्हें विमान के पास ही लेने पहुंच गए। एक कार में जनरल कासिम और दूसरी में शिया सेना के प्रमुख मुहंदिस बैठे। जैसे ही दोनों की कार एयरपोर्स से बाहर निकली, वैसे ही रात के अंधेरे में अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन ने उस पर मिसाइल दाग दीं।

ईरान के सुप्रीम लीडर ने कहा- जनरल कासिम के हत्यारों से कठोर बदला लेंगे

जनरल कासिम की मौत पर ईरान के सुप्रीम लीडर अयोतुल्ला खमेनेई ने तीन दिन के शोक की घोषणा की। उन्होंने कहा, “कासिम और अन्य की हत्या में शामिल मारने वाले अपराधियों से कठोर बदला लिया जाएगा। सभी दोस्त और दुश्मन जानते हैं कि यह लड़ाई जारी रहेगी और रास्ते में एक पक्की जीत हमारे मुजाहिद्दीनों का इंतजार कर रही है। जनरल कासिम चाहते थे उन्हें शहादत मिले और आखिरकार अल्लाह ने उन्हें वह दर्जा दिया।” 

ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कमांडर कासिम की मौत के बाद अमेरिका पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “अमेरिका का यह कदम अंतरराष्ट्रीय आतंक है। जनरल कासिम आईएसआईएस और अल-कायदा के खिलाफ सबसे प्रभावशाली ताकत थे। यह अमेरिका का तनाव बढ़ाने वाला बेवकूफी भरा और खतरनाक कदम है। इस दुष्ट कार्रवाई के लिए अमेरिका खुद जिम्मेदार होगा। 

ट्रम्प ने कहा था- दूतावास पर हमले के लिए ईरान को कीमत चुकानी होगी

अमेरिकी के बगदाद स्थित दूतावास पर मंगलवार को ईरान समर्थित भीड़ ने हमला किया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि अगर अमेरिकी फैसिलिटीज पर जान-माल का नुकसान हुआ तो ईरान को बड़ी कीमत चुकानी होगी। ट्रम्प ने कहा था कि यह चेतावनी नहीं, बल्कि धमकी है। उनके इस बयान के 48 घंटे बाद ही अमेरिकी सेना ने ईरानी कमांडर को मार गिराया। 

कासिम हजारों सैनिकों को मारने का जिम्मेदार

दूसरी तरफ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जनरल कासिम और उसकी कुद्स सेना इराक में हजारों अमेरिकी और गठबंधन सेनाओं की मौत की जिम्मेदार है। उनकी सेना ने कई और हजार लोगों को घायल भी किया। ट्रम्प ने सेना की इस कार्रवाई के बाद ट्विटर पर अमेरिकी झंडे की तस्वीर पोस्ट की।

इराक के सुरक्षाबलों का हिस्सा है पीएमएफ

ईरान समर्थित संगठन पीएमएफ के प्रवक्ता के मुताबिक, हमले में उसके 5 सिपाहियों की मौत हुई है। संगठन ने पहले हमले के लिए इजराइल पर शक जताया था। पीएमएफ शिया लड़ाकों का एक गुट है। यह आधिकारिक तौर पर इराकी सुरक्षाबलों में शामिल हैं। रॉकेट हमले में मारे गए महुंदिस इस संगठन के उप प्रमुख थे। इराक में अमेरिकी सेना के खिलाफ जाने के लिए ट्रम्प प्रशासन ने उन्हें ब्लैकलिस्ट किया था।

अमेरिकी दूतावास पर हमले दो दिन बाद कार्रवाई 

पीएमएफ ने भी हमले के पीछे अमेरिका या इजराइल के हाथ होने का दावा किया। ईरान और इराक की सेना से जुड़े लोगों पर यह हमला अमेरिकी दूतावास पर ईरान समर्थित भीड़ के हमले के दो दिन बाद हुआ है। 31 दिसंबर को ईरान समर्थित कुछ प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के गेट तोड़ दिए थे और बाहर आग लगा दी थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि ईरान को अमेरिकियों के जान-माल के नुकसान के लिए बड़ी कीमत चुकानी होगी 

इराक में ईरान समर्थित संगठन को निशाना बना रहा अमेरिका

अमेरिका इन दिनों इराक में ईरान समर्थित कतैब हिज्बुल्ला विद्रोहियों को निशाना बना रहा है। रविवार को अमेरिकी एयरस्ट्राइक में इस संगठन के 25 लड़ाके मारे गए। अमेरिका का कहना था कि उसने यह हमला इराक में अमेरिकी सिविलियन कॉन्ट्रैक्टर की मौत का बदला लेने के लिए किया। हालांकि, इराकी प्रधानमंत्री अदेल अब्दुल महदी ने कहा था कि अमेरिकी एयरस्ट्राइक देश की स्वायत्ता का उल्लंघन है। कतैब हिज्बुल्ला के लीडर ने हमले के लिए अमेरिका को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी। 

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