मुंबई : प्याज उत्पादन करने वाले राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण फसलों की बर्बादी से प्याज की बढ़ती कीमतों से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। आने वाले दिनों में प्याज और महंगा हो सकता है। देश में सर्वाधिक प्याज उत्पादन करने वाले राज्य महाराष्ट्र के थोक बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू बाजार में किस तरह आपूर्ति में भारी गिरावट आई है। पिछले साल की 1-5 दिसंबर की अवधि से इस साल की इसी अवधि की तुलना करें तो महाराष्ट्र के कृषि उत्पाद बाजार समितियों (APMC) में प्याज की आपूर्ति में 69% की गिरावट आई है। दूसरी तरफ, थोक कीमतों में 10 गुने की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
जनवरी से ही मिलेगी राहत
अधिकारियों का कहना है कि केंद्र ने प्याज का आयात किया है, लेकिन कीमतों में गिरावट जनवरी में ही आएगी, जब राज्य में पिछात खरीफ फसलों का आना शुरू हो जाएगा।
आपूर्ति में 16.2 लाख टन की गिरावट
इसका मतलब है कि सितंबर से नवंबर की अवधि मे एपीएमसी को प्याज की आपूर्ति में 16.2 लाख क्विंटल की गिरावट आई है, जो लगभग कुल आपूर्ति का 40% है। इसी अवधि में एपीएमसी में प्याज की औसत कीमत में 54% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 2,813 रुपये प्रति क्विंटल से 4,321 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई।
अन्य शहरों में प्याज का भाव
शहर | प्याज का भाव |
मुंबई | 90-120 रुपये |
नासिक | 165 रुपये |
कोलकाता | 140 रुपये |
गंगटोक | 120 रुपये |
चेन्नै | 140 रुपये |
कोझिकोड | 150 रुपये |
पणजी | 165 रुपये |
गुड़गांव | 120 रुपये |
तिरुवनंतपुरम | 150 रुपये |
भुवनेश्वर | 130 रुपये |