नई दिल्ली : बजट के बाद पहले पॉलिसी रिव्यू में रिज़र्व बैंक (reserve-bank) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक ने रीपो रेट को 5.15% पर बरकरार रखा है, जिससे लोन और सस्ता होने की गुंजाइश काफी कम हो गई है। केंद्रीय बैंक ने कहा, जब तक संभव है वह नीतिगत रुख को उदार बनाए रखेगा। बैंक (Bank) का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ 6 पर्सेंट रहेगी।
Governor @DasShaktikanta
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रिजर्व बैंक (reserve-bank) आशंका है कि आने वाले समय में महंगाई दर ऊंची बनी रहेगी, हालांकि कुल मिलाकर इस मामले में बेहद अनिश्चितता है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्यों ने रीपो रेट में कोई बदलाव न करने का पक्ष लिया। बैंक ने कहा, इकॉनमी में नरमी बरकरार है, आर्थिक वृद्धि दर उम्मीद से कम है।
बजट (budget) 2020 से सुस्त इकॉनमी (economy) में जान फूंके जाने की काफी उम्मीदें थीं लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मांग बढ़ाने के लिए उपायों का ऐलान नहीं किया। ऐसे में खपत बढ़ाने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक पर है, जिसके लिए रिजर्व बैंक (reserve-bank) ब्याज दरों में कटौती एक बड़ा कदम हो सकता था। हालांकि, आज की मौद्रिक नीति समीक्षा में दर में कोई भी बदलाव नहीं होने के संकेत पहले ही मिल चुके थे। एक्सपर्ट्स का कहना था कि रिज़र्व बैंक (reserve-bank) महंगाई को लेकर चिंतित है। अर्थशास्त्रियों की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बजट घोषणाओं की प्रकृति महंगाई बढ़ाने में मददगार साबित नहीं होने वाली है। रिजर्व बैंक (reserve-bank) जून की मौद्रिक समीक्षा में पॉलिसी दरों में कटौती कर सकता है।
5 बार लगातार घटाई थीं दरें
रिजर्व बैंक (reserve-bank) ने दिसंबर 2019 में हुई पिछली बैठक से पहले लगातार 5 बार रीपो रेट घटाया था। क्रिसिल के सीनियर इकनॉमिस्ट डी के जोशी का मानना है कि रिजर्व बैंक को अब भी महंगाई की चिंता है। ऐसे में इस बार भी दरों में बदलाव का संकेत नहीं है।