कराची: पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) के प्लेन क्रैश (Karachi Plane Crash) की जांच में अब विमान के पायलट कैप्टन सज्जाद गुल पर काफी सवाल खड़े होने लगे हैं. जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि पायलट को दुर्घटना के दिन लैंडिग के प्रयास से पहले प्लेन की गति और ऊंचाई को लेकर भी तीन बार चेतावनी दी गयी थी लेकिन उन्होंने नज़रअंदाज कर दी थी. इससे पहले ये भी सामने आ चुका है कि पायलट के ही जबरदस्ती लैंड कराने के प्रयास के चलते प्लेन का तेल टैंक क्षतिग्रस्त हो गया था.
ऊंचाई और गति को लेकर पायलट ने नहीं मानी बात
इस रिपोर्ट में बताया कि नीचे आने की बजाय पायलट ने कहा कि वह संतुष्ट है. जब हवाईअड्डे से विमान महज 10 नॉटिकल मील दूर था, तब विमान 3,000 फुट की बजाय 7,000 फुट की ऊंचाई पर था. एटीसी ने विमान की ऊंचाई कम करने के लिए पायलट को दूसरी चेतावनी जारी की थी. हालांकि, पायलट ने फिर से कहा कि वह संतुष्ट है और स्थिति को संभाल लेगा तथा वह नीचे उतरने के लिए तैयार है. रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के पास दो घंटे 34 मिनट तक की उड़ान भरने जितना पर्याप्त ईंधन था जबकि उसका कुल उड़ान समय एक घंटा 33 मिनट दर्ज किया गया.
पायलट ने खुद ही लिए चौंकाने वाले फैसले!
रिपोर्ट में कहा गया कि पहली बार विमान को उतारने का प्रयास विफल होने पर पायलट ने ‘खुद ही’ विमान से एक चक्कर लगाने का फैसला किया और इसी दौरान एटीसी को सूचित किया गया कि लैंडिंग गियर काम नहीं कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘वायु यातायात नियंत्रक ने पायलट को विमान को 3,000 फुट की ऊंचाई पर ले जाने का निर्देश दिया, लेकिन वह केवल 1,800 फुट तक ही ले जा सका. जब कॉकपिट को 3,000 फुट के स्तर पर ले जाने की याद दिलाई गयी तो प्रथम अधिकारी ने कहा-हम कोशिश कर रहे हैं.’
डॉन अखबार की खबर के अनुसार इसके तुरंत बाद पायलट ने दोनों इंजनों के काम नहीं करने की सूचना दी और कहा कि वह क्रेश लैंडिंग कराने जा रहा है. नियंत्रक ने पीआईए के विमान को दोनों उपलब्ध रनवे में से किसी पर भी उतरने की मंजूरी दे दी थी, लेकिन पायलट को खतरे का संकेत देते हुए सुना गया. विशेषज्ञों के मुताबिक निर्देशित ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाने से संकेत मिलते हैं कि इंजन काम नहीं कर रहे थे. उसके बाद विमान झुका और अचानक से दुर्घटनाग्रस्त हो गया.