FATF से पाक को मिली चेतावनी, आतंकी फंडिंग पर कानून को बनाए सख्त

Imran-Khan-FATF.jpg

इस्लामाबाद: वैश्विक आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था एफएटीएफ ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग पर अपने कानूनों को और सख्त करने के लिए कहा है ताकि इससे जुड़े लोगों औऱ आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की जा सके। पैरिस में 21 फरवरी तक चलने वाली बैठक में एफएटीएफ की इंटरनेशनल कोऑपरेशन रिव्यू ग्रुप (आइसीआरजी) ने पाकिस्तान के प्रदर्शन का मूल्यांकल किया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, ‘एफएटीएफ ने आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया है और इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई के लिए अपने कानूनों को और सख्त करने को कहा है। 

पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एफएटीएफ को यह भी बताया है कि जैश का संस्थापक मसूद अजहर और उसका परिवार लापता हैं। प़़डोसी देश ने दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषिषत केवल 16 आतंकी पाकिस्तान में हैं। इनमें से सात की मौत हो चुकी है। और जो नौ आतंकी जिंदा हैं उनमें से सात ने संयुक्त राष्ट्र से वित्तीय और यात्रा संबंधी प्रतिबंध हटाने की अपील की हुई है।

तीन देशों का चाहिए समर्थन

पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर निकल कर व्हाइट लिस्ट में आने के लिए कुल 39 में से 12 वोटों की जरूरत प़़डेगी। जबकि काली सूची में डाले जाने से बचने के लिए उसे और तीन देशों का समर्थन चाहिए होगा। पिछले महीने एफएटीएफ की बैठक बीजिंग में हुई थी। पाकिस्तान ने एफएटीएफ के दिशा–निर्देशों के अनुरूप अब तक अपने यहां की गई कार्रवाई की सूची सौंपी थी। लेकिन अक्टूबर 2019 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा था कि उसने 27 लक्ष्यों में से केवल पांच को पूरा किया है।

फरवरी तक का अल्टीमेटम हो रहा है खत्म

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि वह फरवरी, 2020 में अपनी कार्ययोजना को पूरा कर ले। पाकिस्तान जून, 2018 से ग्रे लिस्ट में शामिल है। और उसे अक्टूबर, 2019 तक एक कार्ययोजना को अंजाम देने को कहा था। अन्यथा उसे काली सूची में डाला जाएगा। उत्तर कोरिया और ईरान जैसे देश पहले से काली सूची में हैं।

Share this post

PinIt

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    scroll to top