नई दिल्ली: महाशिवरात्रि यानि साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि पंचांग के अनुसार 18 फरवरी 2023 को मनाई जा रही है। शिव भक्त इस महापर्व का पूरे वर्ष इंतजार करते हैं।
पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भगवान शिव का स्थान विशेष बताया गया है। भगवान शिव को समर्पित इस पर्व की महिमा विशेष है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा, व्रत करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
महाशिवरात्रि क्यों विशेष है
इस बार की महाशिवरात्रि विशेष है.पंचांग की गणना के अनुसार साल 2023 यानि इस वर्ष 30 साल बाद एक अद्भूत संयोग बना है। जिस दिन महाशिवरात्रि का पर्व पड़ रहा है उस दिन यानि 18 फरवरी 2023 को सूर्य और शनि ग्रह कुंभ राशि में मौजूद रहेगें।
आज की तिथि
पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष उपासना की जाती है। इस दिन शिव जी के साथ मां पार्वती की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
महाशिवरात्रि की पूजा
मान्यता के अनुसार षोडशोपचार पूजन के साथ महाशिवरात्रि की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही भगवान शिव का गंगाजल से मंत्रों के साथ अभिषेक करना चाहिए। इसके साथ ही बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल, मिष्ठान, वस्त्र आदि अर्पित करने चाहिए।
महाशिवरात्रि 2023 पूजा मुहूर्त
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी 2023 को रात 08 बजकर 02 पर शुरू हो रही है और अगले दिन 19 फरवरी 2023 को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।
महाशिवरात्रि के उपाय
महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा में अलग-अलग चीजों से अभिषेक करें। पहले प्रहर में दूध चढ़ाएं। मान्यता है इससे कर्ज से छुटकारा मिलता है। दूसरे प्रहर मेंदही से अभिषेक करें, इससे संतान सुख और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
तीसरे प्रहर में घी से अभिषेक करें, कहते इससे धन लक्ष्मी आकर्षित होती, व्यक्ति को नौकरी और कारोबार में तरक्की मिलती है। चौथे प्रहर में शहद की धारा बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं इससे अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।