नई दिल्ली : पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर की ओर से हरिपुरा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वी जयन्ती पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सामारोह में लोक कलाकारों की कला प्रस्तुतियो ने भारत की अनूठी सांस्क्रति का रंग जमाया जिसमें गुजरात के डांग व वसावा आदिवासी कलाकारों ने अपनी परम्परानुसार नृत्य प्रदर्शन किया।
वही छत्तीसगढ़ की पड़वानी शैली में दुशासन वध और भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप को कलाकार पूजा ने बखूबी अभिनीत किया गुजरात का हरिपुरा गाव स्वाधीनता को गवाह रहा हैं तात्कालीन कांग्रेस के सन 1951 के अधिवेशन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस इस गाव में आये और उन्हे अध्यक्ष चुना गया इसी गांव में नेता जी की आदमकद प्रतीमा स्थापित की गई जहां 51 बैल गाडियों की रैली से पुरानी दिनों की याद को ताजा कर दिया।
इस अवसर पर केन्द्र द्वारा युवकसेवा ऍव सांस्कृतिक प्रवर्ती विभाग के सहयोग से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम व गुजरात और छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतिया दी। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई इसके बाद गुजरात के वसावा जनजाति के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
राजपिपला के राजू भाई वसावा व उनके साथियो ने अपनी प्रस्तुतियो से समां सा बांध दिया गुजरात के ही डांग जिले के डांगी आदिवासी कलाकारों ने इस अवसर पर डांग नृत्य की प्रस्तुति से मन मोह लिया।
कार्यक्रम में उस समय भावतीरेख हो उठे जॉब छत्तीसगढ़ की पाडवानी गायिका पूजा ने पाडवानी कथा शैली में आपने अभिनय से भगवान का विराट रूप दर्शाया प्रस्तुति में गायन, वादन, अभिनय भाव भंगिमाओ का मिस्रण ऊत कस्ट बन सका पूजा व उनके दल ने महाभारत में दुशासन वद का प्रसंग रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर राज्य स्तर आयोजित कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रुपानी, सांसद ईस्वर भाई परमार, माननीय विधायक गण उपस्थित थे मुख्यमंत्री श्री रुपानी ने नेताजी की प्रतिमा को माला धारण करवाई।
नंदलाल बोस की कृतियों की प्रदर्शनी
हरिपुरा सूरत गुजरात 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वी जयन्ती के अवसर पर हरिपुरा के नेताजी सुभाष चंद्र बोस आँडीटोरियम में भारत सरकार के संस्क्रति मंत्रालय के नेशनल गैलेरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की ओर से देश के जाने माने चित्रकार नंदलाल बोस द्वारा सजित चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रुपानी ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया प्रदर्शनी में बोस द्वारा हरिपुरा के गाउ जनजीवन के मनोरम चित्र प्रदर्शित किये गए है