मुंबई : महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत (Sushant) सिंह (Singh) राजपूत (Rajput) मौत मामले की जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दी है.
Supreme Court orders CBI investigation in #SushantSinghRajput death case https://t.co/vtrUwi8zu5
— ANI (@ANI) August 19, 2020
सुशांत (Sushant) की मौत के बाद से ही लोग इस मामले को लेकर काफी भावुक थे. इसके बाद महाराष्ट्र सरकार के रवैये के प्रति भी लोगों का गुस्सा बढ़ गया. इसके बाद ठाकरे सरकार पर आरोप लग रहा है कि वो किसी को बचा रही है.
Rhea will appear and face the investigation by the CBI as she has done earlier with the Mumbai Police and the Enforcement Directorate. She maintains that the truth will remain the same whichever agency investigates the case: Rhea Chakraborty’s lawyer Satish Maneshinde https://t.co/wnzBN9i7iD
— ANI (@ANI) August 19, 2020
सुशांत सिंह की मौत के मामले में पारदर्शिता ना होना
ये मुंबई पुलिस या फिर कहें महाराष्ट्र सरकार की ओर से की गई सबसे बड़ी गलती थी. सुशांत सिंह की मौत का मामला लोगों की भावनाओं से जुड़ गया. देशभर के लोगों का ध्यान इसने अपनी ओर खींचा. हाई प्रोफाइल मामले के होते हुए भी मुंबई पुलिस ने अपनी जांच का आधार सिर्फ एडीआर को बनाया कोई एफआईआर दर्ज नहीं की.
वक्त रहते अफवाहों का न रोकना
महाराष्ट्र सरकार की दूसरी गलती ये रही कि उसने वक्त रहते अफवाहों को फैलने से नहीं रोका. मुंबई पुलिस को जब घटनास्थल पर या फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के जरिए कोई भी संदेहजनक जानकारी नहीं मिली तो ऐसी स्थिति में जब फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कांस्पीरेसी थ्योरी आने लगी जैसे सुशांत ने खुदकुशी नही की उसकी हत्या हुई है,
दिशा और सुशांत की मौत में संबंध है, एक मंत्री इस मामले में शामिल है तो तुरंत पुलिस को हरकत में आ कर ऐसे लोगों की धरपकड़ करनी चाहिए थी और उनसे पूछताछ की जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
सुशांत केस में SC के फैसले के कुछ प्रमुख बातें
सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत केस में अपने फैसले में कहा कि एक प्रतिभाशाली अभिनेता की मौत का सच सब जानना चाहते हैं. जब सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड किया था तब मुंबई पुलिस ने एडीआर दर्ज की थी.
पोस्टमार्टम के बाद भी मुंबई पुलिस ने संज्ञेय अपराध नहीं मानकर इस मामले में एफआईआर नहीं दर्ज की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”पटना में दर्ज किया गया एफआईआर बिल्कुल सही है, और इस केस के मद्देनजर हम अपनी विशेष शक्ति के तहत जांच सीबीआई को सौंप रहे हैं. अब इस मामले से जुड़े हर पहलू की जांच सीबीआई ही देखेगी.”