Fight against Corona: प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने दी राज्यों को ये नसीहत

migrant-laborers.png
Fight against Corona: कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश में लागू लॉकडाउन में प्रवासी कामगारों, मजदूरों का पलायन जारी है। कोई पैदल जा रहा है तो कुछ किसी तरह जुगाड़ से अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर हो रहे इस पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी कर बड़े पैमाने पर प्रवासियों, खेतिहर और औद्योगिक मजदूरों तथा असंगठित क्षेत्र के कामगारों का पलायन रोकने को कहा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को सलाह दी गई है कि वे इन समूहों को मुफ्त अनाज और अन्य जरूरी चीजों के बारे में जानकारी दें जिससे बड़े पैमाने पर पलायन को रोका जा सके। साथ ही गृह मंत्रालय ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाइ्र में लॉकडाउन के दौरान होटल, हॉस्टल, किराये के आवास चलते रहें और उन्हें जरूरी सामान की आपूर्ति होती रहे।

दरअसल, कोविड-19 महामारी के प्रसार से लड़ने के प्रयास में सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन के ऐलान के बाद ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। ये कामगार प्रवासी ऐसे हैं, जो लॉकाडाउन के बाद कामकाज-नौकरी छोड़ चुके हैं या फिर निकाल दिए गए हैं और किराए पर कमरा लेने और खाने-पीनी की चीजों का जुगाड़ करने में भी असमर्थ हैं। ऐसे हजारों लोग हैं जो महानगरों से काम और रोजी-रोटी के अभाव में अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।

यह एडवाइजरी ऐसे वक्त में आई है, जब पश्चिम बंगाल और झारखंज समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इन कामगारों-मजदूरों की सुरक्षा और जरूरतों पर चिंता जाहिर की है। सड़कों पर पैदल चलते मजदूरों की तस्वीरें और खबरें सामने आने के बाद यूपी की योगी सरकार ने भी उन्हें भोजन और मेडिकल सुविधा मुहैया कराने के निर्देश जारी किए हैं।

योगी आदित्यनाथ ने 75 जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यूपी में आने वाले प्रवासी मजदूरों को खाना-पीना मुहैया कराई जाए। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ऐसे सभी लोगों का उनकी सरकार ख्याल रखेगी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो दूसरे राज्यों में काम करने गए बंगालियों के लिए तो 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी भी लिखी थी। 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिख उन्होंने बंगालियों की सुरक्षा की अपील की थी। साथ ही उन्होंने कहा कि जो बंगाली उनके राज्य में फंसे हुए हैं, उन्हें बेसिक शेल्टर और खाना-पानी मुहैया कराएं।

Share this post

PinIt

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    scroll to top