प्रधानमंत्री मोदी ने देश को सौंपा INS विक्रांत

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नई दिल्‍ली: देश को अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस (INS) विक्रांत (Vikrant) मिल गया है। प्रधानमंत्री मोदी (Modi) ने इसे देश को समर्पित किया। अब INS विक्रांत (Vikrant) भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो चुका है।

INS विक्रांत (Vikrant) एयरक्राफ्ट करियर समुद्र के ऊपर तैरता एक एयरफोर्स स्टेशन है जहां से फाइटर जेट्स, मिसाइलें, ड्रोन के जरिए दुश्मनों के नापाक मंसूबों को नेस्तनाबूत किया जा सकता है। आईएनएस विक्रांत (Vikrant) से 32 बराक-8 मिसाइलें दागी जा सकेंगी।

पीएम मोदी (Modi) आईएनएस (INS) विक्रांत (Vikrant) को लेकर कहा, “आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है।”

44,570 टन से अधिक वजनी, यह युद्धपोत 30 लड़ाकू जेट विमानों को समायोजित करने में सक्षम है। दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और निर्देशित बमों और रॉकेटों से परे जहाज-रोधी मिसाइलों से लैस है।

INS विक्रांत (Vikrant) के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी स्तर पर विमानवाहक पोत बना सकते हैं। आईएनएस (INS) विक्रांत (Vikrant) 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हुआ है।

इसका डिजाइन भारतीय नौसेना की अपनी संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है और इसका निर्माण पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। विक्रांत का निर्माण अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है और वह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत है।

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