निर्भया के दोषियों को जल्द हो सकती है फांसी, लेकिन तिहाड़ के पास नहीं है जल्लाद

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  • तिहाड़ से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एक महीने में दोषियों की फांसी की तारीख आ सकती है
  • तिहाड़ जेल प्रशासन के पास फिलहाल फांसी चढ़ाने के लिए कोई जल्लाद नहीं है
  • निर्भया के दोषियों की दया याचिका अगर राष्ट्रपति नामंजूर कर देते हैं तो कोर्ट से जारी होगा ब्लैक वॉरंट
  • इससे पहले आखिरी बार तिहाड़ में संसद हमलों के दोषी अफजल गुरु को फांसी चढ़ाया गया था

नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप के दोषियों के पास अब कानूनी उपाय बहुत कम रह गए हैं और उनकी फांसी की डेट कभी भी करीब आ सकती है। हालांकि, तिहाड़ प्रशासन को इस वक्त दूसरी चिंता है। जेल प्रशासन के पास निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए कोई जल्लाद उपलब्ध नहीं है। सूत्रों का कहना है कि 1 महीने में फांसी की तारीख आ सकती है, इसलिए जेल प्रशासन इसके इंतजाम को लेकर चिंतित हैं।

ब्लैक वॉरंट जारी होने का बाद दी जा सकती है फांसी

तिहाड़ जेल सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जेल प्रशासन फांसी देने के लिए जरूरी विकल्पों पर काम कर रहा है। अगले एक महीने में कभी भी फांसी की तारीख आ सकती है। दोषियों को कोर्ट द्वारा ब्लैक वॉरंट जारी किए जाने के बाद किसी भी दिन फांसी पर चढ़ाया जा सकता है। राष्ट्रपति अगर निर्भया के दोषियों की दया याचिका खारिज कर देते हैं तो वॉरंट जारी किया जाएगा, जिसके बाद फांसी की तारीख तय होगी।

इससे पहले अफजल गुरु को दी गई थी तिहाड़ में फांसी

इससे पहले आखिरी बार संसद पर हमलों के दोषी अफजल गुरु को तिहाड़ में फांसी दी गई थी। अफजल को फांसी पर चढ़ाने से पहले जेल की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। अफजल की फांसी में जेल के ही एक कर्मचारी ने फंदा खींचने के लिए सहमति दे दी थी। सूत्रों का कहना है कि जल्लाद की कमी को देखते हुए अधिकारियों ने अनौपचारिक तौर पर दूसरे जेलों से भी जल्लाद को लेकर चर्चा की है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के कुछ गांव में भी पूछताछ की जा रही है, जहां से पूर्व में कुछ जल्लाद निकले हैं।

तिहाड़ प्रशासन कॉन्ट्रैक्ट पर जल्लाद नियुक्त कर सकता है

सूत्रों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए माना जा रहा है कि तिहाड़ की ओर से किसी जल्लाद को नियुक्त नहीं किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार फांसी के लिए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर ही तिहाड़ प्रशासन किसी को नियुक्त करेगा। एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने कहा, ‘हमारे समाज में फांसी की सजा अक्सर नहीं दी जाती है। यह रेयरेस्ट ऑफ द रेयर अपराधों के लिए ही मुकर्रर सजा है। ऐसी परिस्थिति में एक फुल टाइम जल्लाद की नियुक्ति नहीं की जा सकती है। इस नौकरी के लिए अब कोई शख्स जल्दी तैयार भी नहीं होता।’

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