आज भी कई लोग सोचते हैं कि मैट्रो में होने वाली अनाउंसमेंट के पीछे कंप्यूटर वाइस नहीं बल्कि दो बेहतरीन आवाजें हैं। जिसमें पुरूष की आवाज शम्मी नारंग जी की हैं और महिला की आवाज रिनी सिमोन खन्ना की हैं। दिल्ली ही नहीं आज देश के कई शहरों में मैट्रो लाखो लोगो की जिदगी आसान बना रही हैं। मैट्रो के इस सफर में हर दिन नए चेहरे हमारे साथ सफर करते हैं। लेकिन दो आवाज हैं जो दिल्ली मैट्रो में हमारे साथ चलते हैं। आखिरी स्टेशन तक वो हमे रास्ता दिखाते रहते हैं। दरवाजे खुलने से लेकर, बैग लेकर यात्रा न करने की सलाह देती हैं।
शम्मी नारंग
दिल्ली मैट्रो मे यात्रा के दौरान जिस पुरूष की आवाज आईआईटी दिल्ली से पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके शम्मी नारंग की हैं। शम्मी नारंग IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। शम्मी नारंग जब 19 साल के थे तो उनकी आवाज एक विदेशी इंजीनियर ने सुनी जिसे सुनकर वह काफी प्रभावित हुए। जिसके बाद उन्होंने शम्मी को ‘Voice of America’ के हिन्दी विभाग में मौका दिया। इसके बाद शम्मी नारंग दूरदर्शन से जुड़ गए और दूरदर्शन के जाने माने एंकर रहे। शम्मी नारंग की आवाज का प्रभाव इस बात से पता चलता हैं कि उन्हें दूरदर्शन ने 10,000 लोगों के बीच से चुना था।
रिनी सिमोन खन्ना
रिनी मैट्रो में अंग्रेजी में साफ उच्चारण के साथ सारे निर्देश देती हैं। इनके पिता भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी थे। इसलिए रिनी को देश के 9 अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई करनी पड़ी। उन्होने दूरदर्शन के साथ 1985-2001 में न्यूज रीडर की तरह काम किया था। उसके बाद उन्होंने कई जगह वॉइस ओवर आर्टिस्ट और कई इवेंट में एंकर की तरह काम किया।
ऐसे बने मैट्रो की आवाज
शम्मी नारंग ने बताया जब मैट्रो के ट्रायल शुरू करने के बाद डीएमआरसी की एक मीटिंग चल रही थी तो उस दौरान डीएमआरसी के पूर्व चैयरमेन श्रीधरन बैठे हुए थे और उन्होने कहा कि एक लड़का हैं जो काफी अच्छा पढ़ता हैं उसकी आवाज काफी अच्छी हैं और लड़कियों में रिनी सिमोन खन्ना की आवाज बेहतरीन हैं। जिसके बाद मैट्रो में हमारी आवाज में अनाउंसमेंट होने लगी। हमारे लिए गर्व की बात हैं। शम्मी ने एक इंटरव्यू ने बताया कि ये कहना गलत नहीं होगा कि मैट्रो ने हमारी आवाज को अमर कर दिया हैं। जब तक मैट्रो रहेगी हमारी आवाज भी रहेगी।