नई दिल्ली: पहाड़ से मैदान तक आसमानी आफत कहर बनकर टूटी है। पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश (Heavy Rainfall ) मुसीबत बढ़ा रही है तो वही मैदानी इलाकों में गंगा और उसकी सहायक नदियों का रौद्र रूप डराने लगा है।
गंगा के सभी 84 घाट जलमग्न हो गए हैं। खिड़कियां घाट पर सैलानियों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। मिर्जापुर (Mirzapur) में भी गंगा का पानी निचले इलाकों को डूबोने लगा है। यूपी के बांदा जिले में यमुना (Yamuna) और केन नदी में उफान की वजह से तटीय इलाकों में बसे गांव पानी में डूब गए हैं।
यूपी के बांदा जिले में यमुना और केन नदी के उफान पर आने से लोग परेशान हैं। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सदर और पैलानी तहसील में हुआ है। वहीं, उत्तराखंड (Uttarakhand) के हल्द्वानी में रविवार को देर शाम हुई भारी बारिश ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी।
उत्तराखंड में मुसीबत की बारिश
उत्तराखंड के हल्द्वानी रविवार देर शाम भारी बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर आ गए। गौला नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से गौला बैराज के 6 गेट खोल दिए गए, जिससे गौला बैराज का पानी तेजी से निचले इलाकों में जाने लगा।
गली मोहल्लों से गुजरने वाले नाले मानों नदी में तब्दील हो गए, लिहाजा प्रशासन लगातार लोगों को अलर्ट करने लगा और लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई। यूपी में गंगा धीरे धीरे रौद्र रूप धारण करने लगी है। मिर्जापुर से लेकर वाराणसी तक गंगा का पानी तटीय इलाकों को डूबो रहा है।
वाराणसी में गंगा उफान पर
वाराणसी में गंगा किनारे घाटों पर बनी सीढ़ियां पानी में समा चुकी है। सभी 84 घाट जलमग्न हो गए हैं। खिड़कियां घाट पर सैलानियों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है।
गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ता दिखा। नदी के किनारे बनी कॉलोनियों में पानी घुसने लगा है। मिर्जापुर में सदर तहसील के ग्रामीण इलाके पानी में डूब गए हैं।
चुनार के सीखड़ नारायणपुर ब्लॉक में गंगा का पानी कई गांवों को डूबो चुका है। गांव के आसपास कमर तक पानी भरा है। किसानों के खेत डूबा दिए हैं जिससे मिर्च की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है।