उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली (Delhi) में हुई हिंसा को कथित तौर पर भड़काने वाले नफरती भाषणों के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली एक याचिका पर आज यानि बुधवार को सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ दंगा पीड़ितों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हुई। दंगा पीड़ितों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने इस याचिका का उल्लेख तत्काल सुनवाई के लिए किया था।
गोन्जाल्विस ने 2 मार्च को हुई सुनवाई में कहा था कि हाल में हुई हिंसा के चलते लोगों के मरने की खबर आना बदस्तूर जारी रहने के बावजूद दिल्ली (Delhi) उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी है। बोबड़े ने कहा कि हम रोज अखबार पढ़ते हैं जिसमें हम पर आरोप लगते हैं। हम पर बहुत दवाब होता है। हम नहीं चाहते कि लोग मरें… हम शांति चाहते हैं। लेकिन कोर्ट कभी भी इस तरह की हिंसा को नहीं रोक सका है।
सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) में चीफ (Chief) जस्टिस (Justice) एसए (SA) बोबड़े (Bobde) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दिल्ली दंगा पीड़ितों ने याचिका दाखिल की। इस याचिका को दाखिल करने वाले वकील ने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की जिस पर सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया। आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली (Delhi) हाईकोर्ट (High-court) ने इस मामले में सुनवाई चार हफ्तों के लिए टाल दी थी।