नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुए हिंसक टकराव ने दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में रोजगार पर बुरा असर डाला है। सीलमपुर से लेकर जाफराबाद तक मंगलवार को भी दुकानें बंद नजर आ रही हैं। दुकानदार डर रहे हैं कि दुकान खोलने पर उपद्रवी उन्हें निशाना बना सकते हैं।
जाफराबाद में कपड़ा व्यवसायी मतीन ने कहा, “पिछले रविवार से उनकी दुकान बंद चल रही है, जिससे उन्हें भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। कमोबेश यही हाल सभी दुकानदारों का है। “सीलमपुर रेड लाइट लाइट पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है, एक तरफ से ही वाहनों को गुजरने दिया जा रहा है। जहां भी सड़क पर लोग समूह में दिखते हैं, तो पुलिस उन्हें तुरंत हटा रही है, ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो।
दिल्ली में बीते 30 सालों की सबसे बड़ी हिंसा, 7 लोगों की मौत, 70 जख्मी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीएए समर्थकों और सीएए विरोधियों के बीच हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शहीद हो गए हैं। हिंसा में लगभग 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में आज सुबह भी हिंसा व पत्थरबाजी की कई छिटपुट वारदातें होती रही. मौजपुर, बाबरपुर, जाफराबाद, गोकुलपुरी, बृजपुरी समेत कई इलाकों में पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती की गई है। इसके बाद भी कई इलाकों में आपसी भिड़ंत व एक दूसरे पर पत्थरबाजी की घटनाएं अभी भी हो रही हैं। दिल्ली में इतनी बड़ी हिंसा लगभग तीस साल बाद हुई है।