साध्वी प्रज्ञा ने की गोडसे की तारीफ, संसद में मच हड़कंप

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नई दिल्ली: भोपाल से लोकसभा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर आए दिन अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहती हैं। वे लोकसभा में बुधवार को बहस के दौरान एक बार फिर चर्चा में हैं। उनके द्वारा नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा गया। साध्वी प्रज्ञा के इस बयान के बाद से ही उनकी सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है। विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं ने उनके इस आपत्तिजनक बयान पर निशाना साधा है। हालांकि, साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त कहकर बचाव करने के विवाद पर सफाई भी दी, लेकिन उनपर अब कार्रवाई पार्टी की तरफ से कर दी गई है।

निंदनीय है साध्वी प्रज्ञा का बयान

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद में कल उनका बयान निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा कभी भी इस तरह के बयान या विचारधारा का समर्थन नहीं करती है। नड्डा बोले- हमने तय किया है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा सलाहकार समिति से हटा दिया जाएगा और इस सत्र में उन्हें संसदीय दल की बैठकों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रज्ञा ठाकुर के बयान को रिकॉर्ड से हटाया गया, स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा में हंगामे के बीच कहा।

भाजपा और RSS के मन की बात कही प्रज्ञा ठाकुर ने

संसद में प्रज्ञा ठाकुर द्वारा नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘वह जो कह रही हैं, वही भाजपा और आरएसएस के मन में है। मैं क्या कह सकता हूं? इसे छिपाया नहीं जा सकता। मुझे उस महिला के खिलाफ कार्रवाई की मांग करके अपना समय बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं है।’

नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने पर बवाल

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गोडसे को देशभक्त मानने वाली सोच निंदनीय है। महात्मा गांधी हमारे लिए एक आदर्श हैं, वे हमारे मार्गदर्शक थे और आगे भी रहेंगे। वहीं, एआईएमआईएम के ओवैसी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब ठाकुर द्वारा ऐसा कुछ कहा गया है। यह दिखाता है कि वे गांधी की दुश्मन है और उनके हत्यारों का समर्थन करती है।

प्रज्ञा ठाकुर ने दी सफाई

लोकसभा में बुधवार को बहस के दौरान कथित तौर पर नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहकर बचाव करने के विवाद पर प्रज्ञा ठाकुर ने सफाई भी दी। भोपाल से भाजपा सांसद ने कहा कि उन्होंने गोडसे नहीं, उधम सिंह का जिक्र आने पर ए. राजा को टोका था। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि सदन में चर्चा के दौरान ए. राजा ऐसा बताने की कोशिश कर रहे थे जैसे सभी देशभक्त देश के दुश्मन और आतंकवादी हों। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा हो रही थी और ए. राजा देशभक्त उधम सिंह के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उधम सिंह ने जालियावाला बाग हत्याकांड के बाद जनरल डायर की हत्या से पहले 20 सालों तक उसके प्रति रंजिश पाल रखी थी। जब राजा ने बोलना जारी रखा तो मैंने टोकते हुए कहा कि देशभक्तों का नाम मत लीजिए। प्रज्ञा ने दावा किया कि उनका बयान गोडसे के लिए नहीं था। उन्होंने कहा कि यह नाथूराम गोडसे के लिए नहीं था। मैंने उन्हें तब टोका जब उन्होंने उधम सिंह का नाम लिया। उसके बाद स्पीकर ने मुझे बैठने के लिए कहा और मैं बैठ गई। हालांकि, ए. राजा ने अपना भाषण जारी रखा और उसी अंदाज में नाथूराम गोडसे के बारे में भी कहा। तब मैंने उन्हें नहीं टोका था।

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