कोरोना (corona) वायरस (virus) के खिलाफ जंग में ब्रिटेन के बाद अब भारत से उम्मीद पैदा हो रही है. आज भारत (India) में स्वदेशी कोरोना (corona) वैक्सीन (vaccine) का मानव परीक्षण शुरू होने जा रहा है. एम्स में 100 स्वयंसेवकों पर Covaxin का ट्रायल किया जाएगा.
भारत में कोरोना वैक्सीन का आज से मानव परीक्षण
एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि उनके यहां आज स्वंयसेवकों पर Covaxin का मानव परीक्षण शुरू हो जाएगा. उन्होंने ये भी बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के सबूत बहुत ज्यादा नहीं हैं.
ट्रायल के पहले चरण में 375 स्वयंसेवकों को वैक्सीन लगाई जाएगी. उनमें से 100 स्वयंसेवकों पर वैक्सीन का ट्रायल एम्स में होगा. दूसरे चरण के ट्रायल में 750 स्वंयसेवकों को शामिल किया जाएगा.
उन्होंने कहा, “वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल स्वस्थ लोगों पर किया जाएगा. जिनकी उम्र 18-55 साल के बीच होनी चाहिए. उनके अंदर किसी तरह की कोमोर्बिड के लक्षण नहीं होंने चाहिए. दूसरे चरण में 750 स्वयंसेवकों से अपील की जाएगी. उनकी उम्र 12-65 साल के बीच होनी चाहिए.”
12 जगहों पर Covaxin के ट्रायल को मिली है मंजूरी
उन्होंने बताया कि एम्स में करीब 1800 स्वयंसेवकों ने ट्रायल के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि कोरोना वैक्सीन का ट्रायल राज्य के रेडकर अस्पताल में शुरू हो चुका है.
उन्होंने वैक्सीन के निर्माण से जुड़ी टीम को बधाई दी है. कोविड वैक्सीन के मानव परीक्षण की शुरुआत से पहले भुवनेश्वर में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और SUM अस्पताल में सोमवार को ट्रायल यूनिट का उद्घाटन किया गया था.
भुवनेश्वर अस्पताल के प्रोफेसर जी साहू ने बताया कि करीब 30-40 स्वयंसेवकों को पहले चरण के लिए चुना जाएगा. मानव परीक्षण का पहला चरण 22 जुलाई से शुरू होगा. उन्होंने ये भी बताया कि स्वयंसवकों की नियुक्ति और स्क्रीनिंग का काम शुरू कर दिया गया है.
स्क्रीनिंग के बाद ट्रायल के पहले चरण के लिए 18-55 वर्ष की आयु के स्वस्थ स्वंयसेवकों से आगे आने की अपील की जाएगी. इस दौरान स्वयंसवकों को दो से तीन महीने तक संपर्क में रहना होगा. वैक्सीन दिए जाने के बाद उनके खून में एंटी बॉडी के लेवल टेस्ट करने को बुलाया जाएगा.