नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली (delhi) में कोरोना (corona) वायरस (virus) से पैदा हुई स्थिति बिगड़ती हुई नज़र आ रही है. अभी राजधानी में कुल मामले करीब तीस हजार के पास हैं, तो वहीं केंद्र और राज्य सरकार में कम्युनिटी स्प्रेड को लेकर तकरार जारी है.
इस बीच अब सरकार ने मान लिया है कि जुलाई के अंत तक दिल्ली (delhi) में कुल मामले पांच लाख पहुंच सकते हैं. ऐसे में अगर दिल्ली के बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था को देखें, तो वो भी डराने वाले आंकड़े ही दिखाते हैं.
दिल्ली (delhi) सरकार (goverment) के द्वारा जो आंकड़े जारी किए जाते हैं, उनके मुताबिक दिल्ली (delhi) में मौजूदा बेड और वेंटिलेटर में आधे से अधिक भर चुके हैं. यानी अब सिर्फ पचास फीसदी से कम ही बेड-वेंटिलेटर दिल्ली (delhi) में खाली पड़े हैं और जिस तरह से दिल्ली (delhi) में रोज एक हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं, वो इस संकट को और भी गहरा सकते हैं.
दिल्ली सरकार ने बीते दिनों बेड और वेंटिलेटर की स्थिति के लिए एक वेबसाइट लॉन्च की थी, जिसके अनुसार ताजा अपडेट इस प्रकार है… ( https://delhifightscorona.in/beds/ )
• दिल्ली में कुल बेड: 8862
• भर चुके बेड: 4672
• खाली बेड: 4190
• दिल्ली में कुल वेंटिलेटर: 509
• भर चुके वेंटिलेटर: 320
• खाली वेंटिलेटर: 189
कितना गहरा हो चुका है संकट?
राजधानी में मौजूदा हालात किस प्रकार के हैं, इसका अंदाजा आप उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान से ही लगा सकते हैं. मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा रफ्तार के साथ दिल्ली में 31 जुलाई तक साढ़े पांच लाख केस होंगे.
सिसोदिया ने माना कि तब की स्थिति में दिल्ली में 80 हजार बेड की जरूरत होगी, जबकि अभी ये संख्या सिर्फ 8800 के करीब है. यानी दिल्ली में दस फीसदी बेड ही हैं.