Corona Virus: कोरोना की वजह से न्याय में नहीं होगी देरी

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  • सीजेआई ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से कोर्ट बंद नहीं किए जा सकते
  • उन्होंने विशेषज्ञों और जजों के साथ बैठक की और जानकारों की राय मांगी
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि सीमित रूप से कुछ मामलों की सुनवाई रोकी जा सकती है
  • भारत में अब तक कोरोना के 110 मरीज पाए गए हैं, इनमें से 13 ठीक हो गए हैं
नई दिल्ली: कोरोना की वजह से स्कूल,कॉलेज मॉल जरूर बंद हैं लेकिन न्याय मिलने में इस वायरस की वजह से देरी नहीं होगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने स्पष्ट कर दिया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते अदालतों को पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता। CJI ने वर्तमान स्थिति की चर्चा करने और इस खतरनाक रोग को फैलने से रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकार्ड एसोसिएशन (SCAORA) के बार नेताओं, नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया सहित प्रमुख चिकित्सकों के साथ एक बैठक की।

एससीएओआरए ने अपनी एक विज्ञप्ति में कहा कि जस्टिस बोबडे ने सुप्रीम कोर्ट को बंद करने की संभावना से इनकार किया और कहा कि चूंकि ‘वर्चुअल कोर्ट’ शुरू होने के करीब हैं, ऐसे में वर्तमान समय में केवल सीमित रूप से बंद किया जाना ही संभव हो सकता है। बयान में कहा गया, ‘बैठक की अध्यक्षता भारत के प्रधान न्यायाधीश ने की, इसके अलावा इसमें जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड और जस्टिस एल नागेश्वर राव भी थे।’

बयान में कहा गया कि सीजेआई ने बार से अनुरोध किया कि विशेषज्ञों की तरफसे सुझाए गए सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित किया जाए। बार ने कहा कि बैठक के बाद चिकित्सकीय विशेषज्ञों द्वारा एक मेडिकल परामर्श जारी किया गया। इस बीच, पटना से मिली एक खबर के मुताबिक पटना उच्च न्यायालय ने रविवार को कहा कि वह इस महीने के अंत तक सिर्फ नियमित जमानत याचिकाओं और तत्काल सुनवाई योग्य विषयों की ही सुनवाई करेगा। वहीं, गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने अपने कामकाज के दौरान अदालत कक्ष में वकीलों और पक्षकारों की उपस्थिति सीमित करने और अगले आदेश तक सिर्फ तत्काल सुनवाई योग्य विषयों की ही सुनवाई करने का फैसला किया।

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