Corona Virus: पैदल जाने को मजबूर हुए सैकड़ों मज़दूर, गुजरात से राजस्थान तक का है सफर

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  • गुजरात के अहमदाबाद में काम करने वाले हजारों मजदूर पैदल राजस्थान के लिए कर रहे घरवापसी
  • कोरोना के खतरे के मद्देनजर बंद हुआ काम, अब खाने कोने को मिल रहा खाना, ना पीने को पानी
  • साबरकांठा जिले में हाईवे पर अपने बच्चों और सामान के साथ पैदल जाते हुए बड़ी संख्या में दिखे मजदूर
  • पुलिस ने मजदूरों को खिलाया खाना, बिस्किट और पानी भी दिया, एसपी बोले- हालात खराब, करेंगे कुछ व्यवस्था
अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद में काम करने वाले हजारों मजदूर राजस्थान में अपने घर पैदल वापस जाने को मजबूर हैं। इन मजदूरों के मालिकों ने कोरोना के खतरे के मद्देनजर किए गए ‘लॉकडाउन’ की वजह से अपने काम बंद कर दिए हैं।

बुधवार को साबरकांठा जिले में हाईवे पर अपने बच्चों और सामान के साथ पैदल जाते हुए मजदूरों को देखा गया। इनमें से कई बुधवार दोपहर को इदर, हिम्मतनगर और प्रांतिज पहुंचे। भयंकर गर्मी के बीच इनके चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी। राजस्थान के एक मजदूर तेजभाई ने कहा, ‘मैं अहमदाबाद के रानीप इलाके में काम कर रहा था और मेरे मालिक ने मुझे काम बंद करके वापस जाने को कह दिया। उन्होंने मुझे बस किराया दिया, लेकिन सभी सार्वजनिक परिवहन बंद हैं, इसलिए हम पैदल अपने गांव वापस जाने को मजबूर हैं।’

पुलिस ने मजदूरों को खिलाया खाना

इन परिवारों को खाना और पानी तक मिलना मुश्किल हो रहा है क्योंकि ‘लॉकडाउन’ के कारण हाईवे पर पड़ने वाले सभी होटल बंद हैं। अधिकतर मालिकों ने अपने यहां काम करने वाले मजदूरों को मुआवजे के रूप में 500 रुपये दिए हैं। हालांकि, साबरकांठा पुलिस ने उनकी मदद की और उन्हें खाना खिलाया।

एसपी ने दिलाया भरोसा- करेंगे परिवहन की व्यवस्था

साबरकांठा के पुलिस अधीक्षक चैतन्य मांडलिक ने कहा, ‘मैंने इन मजदूरों को आश्वासन दिया है कि राजस्थान के सिरोही, उदयपुर या डूंगरपुर स्थित उनके गांवों तक पहुंचने के लिए परिवहन की कुछ न कुछ व्यवस्था की जाएगी।’ मांडलिक ने कहा, ‘हमने उन्हें भोजन, बिस्किट और पानी उपलब्ध कराया है। इन मजदूरों ने गंभीर जोखिम लिया है, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है।’

अबतक 562 पॉजिटिव
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कल पूरे देश में तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। देश में अब तक 562 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसमें से 43 विदेशी हैं। 40 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, 9 लोगों की मौत भी हो चुकी है।

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