भारत को रूस से एस-400 मिसाइल (Missile) रक्षा प्रणाली की पहली खेप साल 2021 के मध्य तक प्राप्त हो जाएगी। भारत के लिए इस मिसाइल (missile) डिफेंस (defense) सिस्टम (system) को बनाने का कार्य जारी है। रूसी अधिकारियों ने कहा कि इसे 2021 के अंत तक भारत को सौंप दिया जाएगा। बता दें कि भारत ने दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों के लिए पांच अक्तूबर 2018 को नई दिल्ली में 19वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय सम्मेलन के दौरान पांच एस-400 प्रणालियों की खरीद के लिए रूस के साथ 5.43 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
रूस की संघीय सेवा के सैन्य और तकनीकी सहयोग के उप प्रमुख व्लादिमीर ड्रोज़ोज़ोव ने लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो (Defense expo) 2020 में बताया कि इस सिस्टम को चलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही भारतीय सेना (Indian Army) की एक टीम रूस जाएगी।
भारत ने किया 80 करोड़ का अग्रिम भुगतान
रूसी कंपनी रोस्टेक के प्रमुख सर्गेई चेमेजोव ने कहा कि पिछले नवंबर में भारत ने दुनिया की सबसे बेहतरीन मिसाइल डिफेंस (missile-defense) प्रणाली के लिए 80 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान कर दिया है। वहीं रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के सामान्य निदेशक अलेक्जेंडर मिखेव ने कहा था कि भारत को तय समय पर मिसाइल डिफेंस (missile-defense) प्रणाली दे दी जाएगी।
रूस से एस-400 डील को लेकर अमेरिका ने दी थी भारत को चेतावनी
अमेरिका ने भारत को रूस से एस-400 मिसाइल (missile) डिफेंस (defense) सिस्टम (system) खरीदने को लेकर चेतावनी भी दी थी। लेकिन, भारत ने कूटनीतिक रास्ते का प्रयोग करते हुए बाद में अमेरिका को मना लिया था।
काट्सा एक्ट अमेरिका को देता है ये ताकत
ये एक्ट वैश्विक तौर पर अमेरिका के ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के खिलाफ आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंधों के माध्यम से उन्हें निशाना बनाने की ताकत देता है। बता दें हाल ही में अमेरिका ने सीएएटीएसए का प्रयोग कर एस-400 की खरीद को लेकर चीनी प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध लगाए थे। अब अमेरिका में मौजूद ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ (Friends of India) को आशा है कि ट्रंप भारत को सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंधों से छूट देंगे क्योंकि अमेरिका भारत को महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार मानता है। इसके अलावा अमेरिका आगामी कुछ वर्षों में अरबों डॉलर की रक्षा सामग्री भारत को बेचने के संबंध में सौदा करने के अंतिम दौर में है।