राम मंदिर: कैसा होगा राम मंदिर ट्रस्ट और उसके नियम

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  • राम मंदिर के लिए सरकार ने बनाया ट्रस्ट
  • ट्रस्ट में सरकार का कोई दखल नहीं होगा
  • ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य जिनमें  9 स्थायी और 6 नामित सदस्य

 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया। इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे, जिनमें  9 स्थायी और 6 नामित सदस्य रखे जाएंगे। केंद्र की मोदी सरकार और श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बीच एक करार हुआ है, जिसके तहत ट्रस्ट मंदिर निर्माण से जुड़े हर फैसले लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। सरकार ने 9 नियम बनाए गए हैं, जिसके तहत ट्रस्ट काम करेगा।

सरकार और ट्रस्ट के बीच करार के नियम

  • श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में ट्रस्ट के स्थाई कार्यालय पर चर्चा होगी। फिलहाल ट्रस्ट R-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 के पते से ही काम करेगा। यहीं पर राम मंदिर निर्माण की रूप रेखा और आगे किस तरह से काम करना है, इसका रोडमैप तैयार किए जाएगा। मंदिर निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का काम ट्रस्ट करेगा।
  • केंद्र सरकार का ट्रस्ट के कामकाज में कोई दखल नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा है कि ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण से जुड़े हर फैसले लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होगा। यह ट्रस्ट श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की सुविधाएं जैसे- अन्नक्षेत्र, किचन, गौशाला, प्रदर्शनी, म्यूजियम और सराय का इंतजाम करना होगा।
  • श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी कानूनी रूप से ट्रस्ट श्रद्धालुओं की सुविधाओं और मंदिर निर्माण के लिए  किसी भी व्यक्ति, संस्था से दान, अनुदान, अचल संपत्ति और सहायता स्वीकार कर सकते हैं। इसके अलावा ट्रस्ट लोन भी ले सकता है।
  • राम मंदिर ट्रस्ट के सभी ट्रस्टी बोर्ड किसी एक ट्रस्टी को प्रेसिडेंट- मैनेजिंग ट्रस्टी नियुक्त करेंगे, जो सभी बैठकों की अध्यक्षता करेगा। वहीं, जनरल सेक्रेटरी और कोषाध्यक्ष (Treasurer) को भी इन्हीं सदस्यों में से नियुक्त किया जाएगा।
  • राम मंदिर निर्माण के लिए मौजूदा धन को लेकर ट्रस्ट निवेश पर फैसला लेगा। मंदिर के लिए निवेश ट्रस्ट के नाम पर ही होंगे।
  • राम मंदिर के लिए प्राप्त किए गए दान का इस्तेमाल सिर्फ ट्रस्ट के कामों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा किसी अन्य काम के लिए इस धन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
  • राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़ी हुई अचल संपत्ति के बेचने का अधिकार ट्रस्टीज के पास नहीं होगा।
  • राम मंदिर के लिए मिलने वाले दान और खर्च का हिसाब ट्रस्ट को रखना होगा। इसकी हर साल का बैलेंस शीट बनाएगी जाएगी और चार्टर्ड एकाउंटेंट ट्रस्ट के खातों का ऑडिट करेगा।
  • राममंदिर ट्रस्ट के सदस्यों को वेतन का प्रावधान नहीं है, लेकिन सफर के दौरान हुए खर्च का भुगतान ट्रस्ट के द्वारा किया जाएगा।

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