निर्भया (nirbhaya) गैंगरेप के चारों दोषियों को कोर्ट ने एक सप्ताह का समय दिया है। यह समय उन्हें उपलब्ध सभी कानूनी उपायों का सहारा लेने के लिए दिया गया है। इस एक सप्ताह में अगर उन्हें कहीं से किसी भी तरह की राहत नहीं मिलती है तो फांसी देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
Delhi High Court to pass order shortly on a plea of the Central government and Tihar Jail authorities challenging the order of Delhi’s Patiala House Court which stayed the execution of the four convicts in the 2012 Delhi gang-rape case. pic.twitter.com/FstwLLlon7
— ANI (@ANI) February 5, 2020
कोर्ट के इस फैसले का निर्भया (nirbhaya) की मां ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने चारों को एक सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद इन्हें जल्द से जल्द फांसी पर लटकाना चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट चार दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चारों दोषियों को अलग अलग फांसी नहीं दी जा सकती।
उच्च न्यायालय ने कहा कि जब 2017 में ही सर्वोच्च न्यायालय ने निर्भया (nirbhaya) के गुनहगारों की अपील खारिज कर दी थी तो कोई डेथ वारंट जारी करवाने के लिए आगे नहीं आया। बता दें कि न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने शनिवार (1 फरवरी) और रविवार (2 फरवरी) को विशेष सुनवाई के बाद दो फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
केंद्र सरकार ने इस मामले में दिल्ली (Delhi) हाईकोर्ट (high-court) में याचिका दाखिल कर कहा था कि चारों दोषी जुडिशल सिस्टम का गलत फायदा उठा कर फांसी को डालने की कोशिश कर रहे हैं। लिहाजा जिन दोषियों की दया याचिका खारिज हो चुकी है या किसी भी फोरम में उनकी कोई याचिका लंबित नही हैं, उनको फांसी पर लटकाया जाए। किसी एक दोषी की याचिका लंबित होने पर बाकी 3 दोषियों को फांसी से राहत नही दी जा सकती।