नई दिल्ली: आज गणतंत्र दिवस पर भारी सुरक्षा के बीच हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करेंगे। जबकि किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर एक फरवरी को वार्षिक बजट प्रस्तुत किए जाने के दिन संसद की तरफ पैदल मार्च की घोषणा की है। अभूतपूर्व ‘किसान गणतंत्र परेड’ सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करेगी, जिसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
Farmers #RepublicDay tractor rally from Tikri border enters #Delhi pic.twitter.com/FwYmdhK030
— ANI (@ANI) January 26, 2021
तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन लगभग दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान यूनियनों ने सोमवार को कहा कि राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही उनकी ट्रैक्टर परेड शुरू होगी।
उन्होंने दावा किया कि लगभग दो लाख ट्रैक्टरों के परेड में भाग लेने की उम्मीद है। इस बीच, प्रदर्शकारी किसान संगठनों ने सोमवार को घोषणा की कि वे एक फरवरी को केंद्रीय वार्षिक बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ कूच करेंगे।
#WATCH आज होने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली के लिए बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। #FarmersProtest pic.twitter.com/SWuvN5DfEb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 26, 2021
संसद की तरफ पैदल मार्च
क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शनपाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अडिग हैं और मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
#WATCH Farmers tractor rally in protest against the Centre’s farm laws gets underway at Tikri border
Tractor rally route: Tikri border-Nangloi-Baprola Village-Najafgarh-Jharoda border-Rohtak bypass-Asoda toll plaza#RepublicDay pic.twitter.com/yTr2gaHY7w
— ANI (@ANI) January 26, 2021
उन्होंने कहा, “हम एक फरवरी को बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ पैदल मार्च करेंगे। जहां तक कल की ट्रैक्टर रैली की बात है तो इससे सरकार को हमारी शक्ति के बारे में एक एहसास होगा और उसे पता चलेगा कि आंदोलन केवल हरियाणा या पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश का आंदोलन है।”
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर हजारों किसान, जिनमें ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं, 28 नवंबर से दिल्ली के कई सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।