जेएनयू में हॉस्टल फीस मामले में छात्रों का संसद मार्च

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  • जेएनयू के छात्र पिछले तीन हफ्तों से हॉस्टल मैनुअल में बदलावों का विरोध कर रहे हैं

  • छात्रों के कमरे का किराया 10 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए किया गया था 

  • इसके अलावा मेस की सिक्योरिटी फीस 12 हजार रुपए की गई थी

नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने सोमवार को हाॅस्टल मैनुअल में बदलाव और मेस फीस बढ़ाने के विरोध में संसद मार्च शुरू किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बेर सराय रोड पर ही रोक दिया। छात्रों को संसद तक जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। उधर, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू में तनाव को खत्म करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी छात्रों और प्रशासन के बीच सभी मुद्दों को सुलझाने पर बात करेगी। 

छात्रों को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी कैम्पस के बाहर पुलिस की 10 कंपनियां (700-800 पुलिसकर्मी) तैनात की गई थीं। संसद के बाहर भी भारी पुलिसबल सुरक्षा में लगा है। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीए) ने यूनिवर्सिटी के बाहर पुलिस रखने पर चिंता जाहिर की है।  हॉस्टल, मेस समेत अन्य सुविधाओं की फीस बढ़ाने को लेकर छात्रों ने 15 दिनों तक प्रदर्शन किया। हालांकि, कुछ मामलों में फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस लेने के बाद भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। उनका कहना है कि जब तक पहले जैसा फीस स्ट्रक्चर नहीं हो जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। 

टीचर्स एसोसिएशन छात्रों के समर्थन में उतरा

टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि यूनिवर्सिटी के बाहर भारी पुलिसबल की तैनाती से ऐसा लग रहा है कि यह सिर्फ छात्रों को संसद तक मार्च निकालने से रोकने आई है। छात्रों को उनकी आवाज बाहर ले जाने से रोकने की कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी कोई स्थिति पैदा नहीं होगी।

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