नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बार फिर दिल्ली (Delhi) की अरविंद केजरीवाल सरकार पर शराब घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे खजाने को 6500 करोड़ रुपए का नुकासन हुआ।
भाजपा (BJP) ने आरोप लगाया कि शराब का ठेका बांटने में नियमों की अनदेखी की गई। नियम के मुताबिक, शराब उत्पादक और वितरक एक नहीं हो सकते हैं, लेकिन इसका उल्लंघन किया गया।
भाजपा (BJP) सांसद सुधांशु त्रिवेदी और प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘आप’ सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि एक्साइज पॉलिसी और एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिशों का उल्लंघन किया गया।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली की आबकारी नीति के मुताबिक, उत्पादक, वितरक और खुदरा विक्रेता एक नहीं हो सकता था। इसके अलावा कॉमन डायरेक्टर और शेयरहोल्डर भी नहीं हो सकते हैं।
25 अक्टूबर 2021 को दिल्ली आबकारी विभाग ने एक ही उत्पादक, वितरक और खुदरा विक्रेता के कुछ मामले सरकार के संज्ञान में दिया, लेकिन इस पर ऐक्शन नहीं लिया गया।
बीजेपी (BJP) सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि एक्सपर्ट कमिटी ने शराब बिक्री बढ़ाने के लिए ऑफर नहीं देने की सलाह दी थी, लेकिन सरकार ने एक कार्टन की बिक्री पर एक कार्टन मुफ्त देना शुरू कर दिया।
कमिटी ने कर्नाटक मॉडल को अपनाने का सुझा दिया था जहां होलसेल कारोबार के लिए सरकार जिम्मेदार है। पैनल ने यह भी कहा था कि एक व्यक्ति को एक से अधिक लाइसेंस नहीं दिए जा सकते हैं। इसने बिना मार्केट वाले गांवों और कॉलोनियों (नॉन-कनफॉर्मिंग) में शराब की दुकानें नहीं खोलने की सिपारिश की थी, लेकिन सरकार ने इन सभी सलाहों को दरकिनार कर दिया।