अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) बनाने को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट बनाने का ऐलान किया। इस ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया है। लोकसभा में पीएम ने इसके साथ ही अयोध्या (Ayodhya) में सरकार द्वारा कब्जाई गई 67 एकड़ जमीन को भी ट्रस्ट को देने की बात की।
साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जब विवाद हुआ था, तो उसके बाद 1993 में अयोध्या (Ayodhya) में विवादित स्थल सहित आसपास की करीब 67 एकड़ जमीन का केंद्र सरकार ने अधिग्रहण किया था। तभी से ये जमीन केंद्र के अधीन थी, लेकिन अब सरकार ने इस राम मंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट को दे दिया है। यानी अब 67 एकड़ गैर-विवादित जमीन और 2.5 एकड़ विवादित जमीन दोनों ही राम मंदिर ट्रस्ट के पास होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ (Shri Ram Temple Pilgrimage Area) ही अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण और उससे संबधित फैसलों को लेगा।
PM Modi in Lok Sabha: We have readied a scheme for the development of Ram Temple in Ayodhya. A trust has been formed, it is called ‘Sri Ram Janambhoomi Tirath Kshetra.’ pic.twitter.com/LOWDqzvuLU
— ANI (@ANI) February 5, 2020
संसद में इस फैसले का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये विषय श्री राम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है, ये विषय है अयोध्या में श्री राम जन्मस्थली पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण से जुड़ा हुआ। 9 नवंबर 2019 को मैं करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए पंजाब में था, उसी दिव्य वातावरण में मुझे सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) द्वारा राम मंदिर (Ram Mandir) मामले पर दिए गए फैसले के बारे में पता लगा।
इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कहा था कि राम जन्मभूमि के विवादित स्थल के भीतरी और बाहरी आंगन पर राम जन्मभूमि का ही स्वामित्व है।’ 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस फैसले का ऐलान किया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर की पीठ ने ये फैसला पढ़ा था।