नई दिल्ली: कर्नाटक (Karnataka) हाई (High) कोर्ट (Court) ने उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिनमें हिजाब को धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देकर स्कूल कॉलेजों में पहनने की इजाजत मांगी गई थी। कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम काजी की बेंच ने कहा कि हिजाब इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। इसलिए यह याचिका रद की जाती है।
“The way, hijab imbroglio unfolded gives scope for the argument that some ‘unseen hands’ are at work to engineer social unrest and disharmony,” Karnataka High Court in its order.
— ANI (@ANI) March 15, 2022
हिजाब संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित एक मौलिक अधिकार है कि नहीं इस बात पर कर्नाटक हाईकोर्ट को फैसला करना था। अपने फैसले में कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य हिस्सा नहीं है इसलिए स्कूल में अगर कोई ड्रेस कोड है तो मौलिक अधिकार का हवाला देकर कोई अपनी मर्जी का ड्रेस नहीं पहन सकता।
कोर्ट ने कहा हमने हिजाब मुद्दे को लेकर दोनों पक्षों की बातें सुनी। एक पक्ष का सवाल था कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित है। दूसरा सवाल यह था स्कूल का यूनिफॉर्म संवैधानिक रूप से बाध्य नहीं है क्योंकि यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा, 5 फरवरी के कर्नाटक के सरकारी आदेश को अमान्य करने के लिए कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए स्कूल में ड्रेस कोड लागू करना संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है