डोनाल्ड (Donald) ट्रंप (Trump) ने बुधवार को व्हाइट हाउस को अलविदा कह दिया और इसके साथ ही अमेरिका के इतिहास में उनके कार्यकाल की एक ऐसी दागदार विरासत अंकित हो गई जैसी पहले कभी नहीं देखी गई।
हालांकि, शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होने वाले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड (Donald) ट्रंप (Trump) ने जाते-जाते एक परंपरा का निर्वहन किया है। डोनाल्ड (Donald) ट्रंप (Trump) ने अपने उत्तराधिकारी जो बाइडन के लिए व्हाइट हाउस में एक संदेश छोड़ा है।
I will always fight for you. I will be watching, listening. The future of this country has never been better. I wish the new administration great luck and success. I think they have the foundation to do something really spectacular: US President Donald Trump pic.twitter.com/JXkCGhCAFm
— ANI (@ANI) January 20, 2021
अमेरिकी परंपरा के तहत निवर्तमान राष्ट्रपति व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में रखे ‘रेजेल्यूट डेस्क में अगले राष्ट्रपति के लिए एक संदेश लिखकर रखता है। सीएनएन की खबर के अनुसार, परंपरा का पालन करते हुए ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बाइडन के लिए एक पत्र (नोट) लिखा है। सामान्य तौर पर निवर्तमान राष्ट्रपति के संदेश में बधाई और शुभकामनाएं होती हैं।
हालांकि, डोनाल्ड (Donald) ट्रंप (Trump) ने सामान्य और शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण की अन्य सभी परंपराओं को दरकिनार कर दिया। उन्होंने अमेरिकी संसद भवन (यूएस कैपिटल) में बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग नहीं लिया और समारोह से महज कुछ ही घंटे पहले देश की प्रथम महिला मेलेनिया ट्रंप के साथ फ्लोरिडा रवाना हो गए।
दरअसल, ट्रंप को उनकी अप्रत्याशित नेतृत्व क्षमता, समर्थकों और विरोधियों को समान रूप से लक्षित कर दिए गए विभाजनकारी बयानों के लिए और एक ऐसे राष्ट्रपति के रूप में जाना जाएगा जिन पर दो बार महाभियोग चलाया गया।
This has been an incredible four years. We accomplished so much together. I want to thank my family, friends and my staff. Want to thank you for your effort. People have no idea how hard this family worked: Donald Trump, outgoing US President, at Joint Air Force Base Andrews pic.twitter.com/MMF0U8bhM8
— ANI (@ANI) January 20, 2021
अमेरिका के इतिहास में ट्रंप तीसरे राष्ट्रपति हैं जिन पर प्रतिनिधि सभा में महाभियोग चलाया गया और वह एकमात्र राष्ट्रपति हैं जिन पर दो बार महाभियोग चलाया गया। उन पर कोविड-19 महामारी के कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया गया।