नई दिल्ली : निर्भया (Nirbhaya) गैंगरेप (Case) और मर्डर केस में दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) ने खारिज कर दी है। इस याचिका में दोषी पवन ने कहा था कि वह अपराध के समय नाबालिग था। आपको बता दें कि डेथ वारंट के अनुसार, सभी दोषियों को 20 मार्च सुबह पांच बजे फांसी दी जानी है।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Court gave them so many opportunities that they have become habituated of bringing something ahead of hanging&get it postponed. Now, our Courts are aware of their tactics. Nirbhaya will get justice tomorrow. https://t.co/NzSVKZFs1f pic.twitter.com/6YiG53wj8v
— ANI (@ANI) March 19, 2020
पवन ने तिहाड़ में की फांसी देने का अभ्यास
दिल्ली (Delhi) की तिहाड़ (Tihar) जेल में निर्भया (Nirbhaya) मामले के चार दोषियों को फांसी देने के लिए पवन जल्लाद ने बुधवार को पुतलों को फांसी देकर अभ्यास किया। दोषियों को जेल में शुक्रवार को फांसी दी जानी है। उधर दिल्ली हाईकोर्ट ने एक दोषी की एक और याचिका को खारिज कर दिया है। जेल अधिकारियों ने बताया कि पवन मंगलवार को मेरठ से राजधानी पहुंचे और उन्होंने रस्सी से पुतलों को फांसी देकर अभ्यास किया। इस रस्सी का इस्तेमाल दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए होगा। तिहाड़ जेल के इतिहास में यह पहली बार होगा जब एक ही अपराध के लिए एक ही समय पर चार दोषियों को फांसी दी जाएगी।
पवन अपने परिवार में तीसरे पीढ़ी के जल्लाद हैं। उन्होंने पहले कहा था कि उनके दादा ने सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी पर लटकाया था। इन दोनों को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के संबंध में फांसी दी गई थी। इसके अलावा उनके दादा ने कुख्यात अपराधी रंगा और बिल्ला को भी फांसी दी थी। पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी।