बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने को लेकर काफी बहस चली, लेकिन सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) ने निर्देश दिया कि यथास्थिति बनाए रखें। यानी यहां पर गणेश (Ganesh) उत्सव नहीं मनाया जाएगा।
इससे उन तमाम लोगों में नाराजगी थी, जो लगातार ईदगाह मैदान पर गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाने की मांग कर रहे थे। लेकिन कुछ ही घंटे बाद कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले ने ये नाराजगी दूर कर दी। हाईकोर्ट ने बेंगलुरु के ईदगाह मैदान की जगह दूसरे शहर हुबली के ईदगाह मैदान पर गणेश उत्सव मनाने की इजाजत दे दी।
Ganesh idol installed at Eidgah ground in K’taka’s Hubbali-Dharwad after HC order
Read @ANI Story | https://t.co/DRFu48JD05#Karnataka #highcourt #GaneshChaturthi2022 #ganeshidol #Eidgah pic.twitter.com/bGFwx4QVze
— ANI Digital (@ani_digital) August 31, 2022
हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव को मिली मंजूरी को तमाम हिंदू संगठनों ने अपनी जीत करार दिया। वहीं वक्फ बोर्ड ने ईदगाह मैदान में गणेशोत्सव मनाने पर नाराजगी जाहिर की। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से हुबली में तनावपूर्ण माहौल था। लेकिन हाईकोर्ट की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद अब गणेश उत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
बेंगलुरु मामले पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे
दरअसल बड़ा मामला बेंगलुरु ईदगाह में गणेश उत्सव मनाए जाने का था। बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश पंडाल लगाने को लेकर वक्फ बोर्ड और हिंदू कार्यकर्ताओं के बीच विवाद बढ़ रहा था।
एक तरफ वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह जमीन उनकी है। वहीं हिंदू संगठनों का कहना था कि यह मैदान पब्लिक मैदान है और ऐसे में गणेश उत्सव मनाने की इजाजत इस मैदान में दी जाए। हाईकोर्ट की तरफ से गणेश उत्सव को लेकर सरकार पर फैसला छोड़ दिया गया। जिसके बाद वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
सुप्रीम कोर्ट ने गणेश उत्सव से ठीक एक दिन पहले इस मामले पर अहम सुनवाई करते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। इसके बाद ये साफ हो गया कि बेंगलुरु के ईदगाह मैदान पर गणेश उत्सव नहीं मनाया जा सकता है।हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आगे के लिए हाईकोर्ट जाने की बात कही।