चंडीगढ़: पंजाब में मोहाली-चंडीगढ़ का बॉर्डर बुधवार को जंग का मैदान बन गया। मोहाली बॉर्डर पर 7 जनवरी से 12 सिख संगठनों के प्रदर्शनकारी कौमी इंसाफ मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आज अचानक वे चंडीगढ़ में घुसकर मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने की जिद करने लगे।
इस दौरान भारी तादाद में पुलिस के जवान वहां पहुंच गए, और उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे गुस्साए निहंग सिखों और सिख संगठनों के लोगों ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया।
#WATCH | Protesters belonging to the Quami Insaaf Morcha clashed with Chandigarh Police after the police stopped them from entering the city
The Morcha is demanding the release of Sikh prisoners who were convicted of various crimes during the period of militancy in Punjab pic.twitter.com/LCaZNChfw1
— ANI (@ANI) February 8, 2023
पुलिस ने अपनी FIR में कहा है कि हमला करने वाले लोग खालिस्तानी संगठनों से जुड़े थे। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस घटना में 23 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
हमले में 23 पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल
पुलिस के मुताबिक, शाम करीब 3.00 बजे करीब 300 से 400 लोग पक्का मोर्चा से मटौर बैरियर स्थित सीएम पंजाब, चंडीगढ़ के आवास की ओर बढ़ रहे थे। जब जत्था सेक्टर 52/53 के डिवाइडिंग रोड पर चंडीगढ़ पुलिस बैरिकेड्स पर पहुंचा, तो चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें रोका और वरिष्ठ अधिकारी शांति बनाए रखने के लिए प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारी घोड़ों और ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर तलवार, लाठियों और अन्य हथियार लेकर आए थे और बेरिकेड्स को जबरन तोड़कर अकारण हमला किया। इस घटना में कई पुलिस अधिकारियों पर हमला किया और कई पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
पुलिस ने आगे बताया कि प्रदर्शनकारियों ने साइट से अपने साथ चंडीगढ़ पुलिस के 10-12 बैरिकेड्स भी लूट लिए है। इस घटना में 7 महिला पुलिस कर्मी सहित 23 पुलिस कर्मी बुरी तरह घायल हो गए। इस मामले में संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार की भी रिहाई की मांग
पंजाब में वर्ष 2015 की बेअदबी और गोलीकांड की घटनाओं समेत बेअदबी की अन्य घटनाओं में इंसाफ की मांग की जा रही है। सिख जत्थेबंदियां पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी जगतार सिंह हवारा की रिहाई की भी मांग कर रहे हैं।
7 जनवरी से तो ये धरना चंडीगढ़ की सीमा पर सड़क जाम करके शांतिपूर्वक चलाया जा रहा है। लेकिन सोमवार से लगातार सिख संगठन इस जिद पर अड़े हैं कि उनके 31 नेताओं के डेलिगेशन को चंडीगढ़ स्थित पंजाब सीएम हाउस के बाहर जाकर धरना लगाने दिया जाए नहीं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए।
कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी
इन लोगों की मांग है कि जिनकी सजा पूरी हो चुकी है उन कैदियों को रिहा किया जाए। साथ ही बेअदबी के मामले में कम से कम उम्र कैद और UAPA लगाने की मांग भी की गई है। इन्हीं मांगो के साथ अब तक ये चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर बैठे थे लेकिन आज पंजाब पुलिस के रोकने पर उन्होंने पुलिसवालों को ही निशाना बनाया।
सिख प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह पक्का मोर्चा तब तक जारी रहेगा जब तक यह मांगे पूरी नहीं हो जाती। सजा पूरी होने के बावजूद जेलों में बंद बंदी सिखों की रिहाई को लेकर चंडीगढ़ बॉर्डर के पास मोहाली में सिख जत्थेबंदी बड़ी संख्या में जुटे हैं।