तुर्की और सीरिया में भूकंप से भीषण तबाही

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तुर्की और सीरिया में सोमवार (6 फरवरी) को आए भूकंप से भीषण तबाही मची है। इस आपदा में मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रॉयटर्स के मुताबिक, अब तक इस आपदा की वजह से 7800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

मलबे के नीचे अभी भी हजारों लोगों के दबे होने की आशंका है। तुर्की और सीरिया के अस्पताल घायलों से पटे पड़े हैं और अस्पतालों में लोगों को जगह नहीं मिल रही है। हजारों लोग अभी भी लापता हैं। प्रशासन द्वारा लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

तुर्की और सीरिया की मदद के लिए आगे आया भारत

इस भीषण आपदा के बीच तुर्की और सीरिया की मदद के लिए भारत दिल खोलकर आगे आया है। भूकंप पीड़ितों को आपातकालीन राहत पहुंचाने के लिए 99 सदस्यों की मेडिकल टीम के साथ भारत का एक अन्य विमान सीरिया के लिए रवाना हो चुका है। भारत ने तुर्की के लिए भी ऐसा ही एक विमान भेजा है।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके यह जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया है कि 6 टन आपातकालीन राहत सहायता लेकर भारत के विमान ने सीरिया के लिए उड़ान भरी है। इस खेप में जीवन रक्षक दवाएं और आपातकालीन चिकित्सा वस्तुएं शामिल हैं।

उन्होंने लिखा कि भारत और भारतीय इस त्रासदी से सबसे अधिक प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। भारत के इस प्रयास की पूरी दुनिया में सराहना हो रही है।

जयशंकर ने एक और ट्वीट कर बताया, ’30 बिस्तरों वाली चिकित्सा सुविधा के लिए इंडियन आर्मी फील्ड अस्पताल ले जाने वाले दो भारतीय वायु सेना के विमान अब तुर्की के अडाना पहुंच गए हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों की हमारी टीम चल रहे राहत प्रयासों में योगदान देगी।’

कब-कब आया भूकंप

तुर्की में सोमवार को जो पहला भूकंप आया, वह बेहद शक्तिशाली था। रिक्टर पैमाने पर उसकी तीव्रता 7.8 थी। उसके बाद से तुर्की की धरती भूकंप की वजह से कई बार कांप चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि सोमवार तड़के सवा 4 बजे के बाद से लेकर अब तक तुर्की की धरती 550 से ज्यादा बार कांपी है। सोमवार से अब तक यहां क्रमशः 7.8, 7.6, 6.0, 5.6 और 5.4 की तीव्रता वाले भूकंप आ चुके हैं। भारत समेत 70 देशों ने तुर्की के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि शक्तिशाली भूकंप की वजह से तुर्की 10 फीट तक खिसक गया है। इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ कार्लो डोग्लियोनी का कहना है कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स पांच से छह मीटर तक खिसक सकती हैं। वहीं राष्ट्रपति अर्दोगन ने देश के दस प्रांतों में 3 महीने के लिए इमरजेंसी लगाई है। स्कूलों को 13 फरवरी तक के लिए बंद किया गया है।

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