उन्नाव रेप केस के दोषी भारतीय जनता पार्टी (BJP) से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर की सजा पर शुक्रवार दोपहर 2 बजे फैसला सुनाया। जज धर्मेश शर्मा फिलहाल कुलदीप सेंगर के वकीलों की तरह से दिए गए हलफनामों को पढ़ रहे हैं। सेंगर के दस्तावेजों के आधार पर उसकी कुल चल और अचल संपत्ति 44 लाख रुपये आंकी गई है। सुनवाई के दौरान सेंगर के वकील ने कहा कि इसका मूल्य फिलहाल घट चुका है, क्योंकि उनकी कार की कीमत कम हो चुकी है. इसके अलावा सेंगर की बेटी का मेडिकल में दाखिला कराया गया है, जिसकी फीस देने के बाद ये रकम और कम हो जाएगी। वहीं पीड़िता के वकील ने कहा कि उन्नाव की पीड़िता का घर पूरी तरह से टूट गया है। इसके अलावा पीड़िता के पिता के पास 3 भाइयों के बीच कुल 3 बीघा जमीन है। पीड़िता के वकील ने कहा कि विधायक ने अपने अपराध को छुपाने के लिए न सिर्फ केस को वापस लेने का दवाब बनाया बल्कि विधायक होकर ऐसा काम किया। अगर देश को चलाने वाले लोग जिनपर जनता की रक्षा का दायित्व है, वो ऐसा करेंगे तो फिर उनको सज़ा भी अधिकतम होनी चाहिए।
हत्या और हत्या का प्रयास
इस मामले में पहले तो विधायक सेंगर के भाई अतुल ने पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा फिर उसे साजिश के तहत झूठे मामलों में फंसा कर पुलिस थाने भिजवा दिया। जहां उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में बहुत बाद में अतुल को गिरफ्तार किया गया। जब विधायक सेंगर जेल चला गया, तब भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। वो जेल में रहकर भी पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ साजिश रचता रहा। 28 जुलाई 2019 को, पीड़िता के अपने चाचा, चाची और वकील के साथ उनकी कार में केस के सिलसिले में यात्रा कर रही थी। तभी हाइवे पर एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। जिससे पीड़िता के परिजनों की मौत हो गई, जबकि वो और उनके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले में सेंगर पर हत्या, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश और आपराधिक धमकी के लिए मामला दर्ज किया गया। एफआईआर में सेंगर के भाई मनोज सिंह सेंगर, शशि सिंह और उनके सहयोगियों सहित 10 लोगों को नामजद किया गया।