नई दिल्ली : पुलिस (Police) मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास (Vikas) दुबे (Dubey) के आर्थिक साम्राज्य की ईडी जांच करेगी. ईडी इस जांच के दौरान जहां विकास दुबे और उसके सहयोगियों की चल-अचल संपत्ति के बारे में पता करेगी.
वहीं, इस बात की भी जांच होगी कि वे कौन से फाइनेंसर थे जो विकास (Vikas) दुबे (Dubey) और उसके गैंग को आर्थिक तौर पर मजबूत कर रहे थे.कानपुर (Kanpur) में आतंक का पर्याय माने जाने वाले विकास दुबे की मुठभेड़ के बाद कहानी अभी खत्म नहीं हुई है.
प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ जोन ने उत्तर प्रदेश पुलिस को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी मांगी है कि विकास दुबे और उसके गैंग में मेंबर कौन-कौन थे. इन सभी मेंबर्स के खिलाफ कितने एफआईआर और आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश किए गए थे.
विकास (Vikas) दुबे (Dubey) के परिजनों के पास कुल कितनी संपत्ति है, यह संपत्तियां कहां-कहां हैं, विकास दुबे के गैंग के मेंबर्स के पास कितनी संपत्ति है और उनके परिजनों के पास कितनी जायदाद मौजूद है. ईडी ने यह तमाम जानकारी उत्तर प्रदेश पुलिस से मांगी हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 72 के तहत यदि कोई शख्स मर जाता है और उसने अपराध के पैसों से प्रॉपर्टी बनाई है तो उसे जब्त करने और नीलाम करने का अधिकार ईडी के पास है.
एक आला अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस से जो जानकारी मांगी गई है, उसमें से लगभग 50 फीसदी से ज्यादा जानकारी ईडी के पास आ चुकी है और अब जल्द ही इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू होगी.
अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान इस बात पर भी जोर दिया जाएगा कि विकास (Vikas) दुबे (Dubey) के गैंग को कौन कैसे आर्थिक तौर पर मजबूत कर रहा था. ईडी सूत्रों के मुताबिक आरंभ में जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक विकास दुबे के पास कानपुर और लखनऊ में करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी बताई जाती है. इसके अलावा उसकी प्रॉपर्टी के तार देश और प्रदेश में कहां-कहां जुड़े हुए हैं, इस बात की भी जांच की जाएगी.