आतंकियों का दोस्त DSP देविंदर सिंह का होना था प्रमोशन

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श्रीनगर : आतंकवादियों को अपनी कार में ले जाते हुए गिरफ्तार हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह (DSP Devinder Singh) के बारे में एक और खुलासा हुआ है। देविंदर सिंह ने डेप्‍युटी सुपरिटेंडेंट के रूप में करीब 25 साल तक काम कर लिया था और वरिष्‍ठता के नाते जल्‍द ही वह एसपी के रूप में प्रमोशन पाने वाला था। सिंह के प्रमोशन की फाइल जम्‍मू-कश्‍मीर के गृह आयुक्‍त के पास लंबित थी।


जल्द एसपी बना जाता देविंदर

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हिज्‍बुल मुजाहिदीन के आतंक‍वादियों के साथ अगर देविंदर सिंह को पकड़ा नहीं गया होता तो उसे जल्‍द ही एसपी बना दिया गया होता। देविंदर सिंह इन दिनों श्रीनगर से लेकर दिल्‍ली तक राजनीतिक और आधिकारिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर, एनआईए ने देविंदर सिंह के आतंकवादियों को ले जाने के मामले की जांच अपने पास ले ली है।

अफजल गुरु की पत्नी का सनसनीखेज दावा
देविंदर को 11 जनवरी को कुलगाम जिले में श्रीनगर-जम्मू नैशनल हाइवे पर एक कार में गिरफ्तार किया गया था। वह हिज्बुल कमांडर सईद नवीद, एक दूसरे आतंकी रफी रैदर और हिज्बुल के एक भूमिगत कार्यकर्ता इरफान मीर को लेकर जम्मू जा रहा था। देविंदर की गिरफ्तारी के बाद संसद हमले में दोषी करार द‍िए गए अफजल गुरु का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। अफजल गुरु की पत्‍नी तबस्‍सुम ने आरोप लगाया है कि देविंदर सिंह ने उसके पति को रिहा करने के बदले एक लाख रुपये मांगे थे।

देविंदर का शुरू से रहा है विवादों से नाता
विवादों के घेरे में आए देविंदर सिंह ने एक एसआई के रूप में 1990 के शुरुआती वर्षो में पुलिस बल जॉइन किया था। वर्ष 1994 में एसओजी की स्‍थापना के बाद उसे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया। मार्च 2003 में तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री मुफ्ती मोहम्‍मद सईद ने एसओजी को खत्‍म कर दिया। इस दौरान एसओजी के 53 अधिकारियों के खिलाफ मानवाधिकार उल्‍लंघन के 49 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 25 अधिकारियों को बर्खास्‍त कर दिया गया। इसके बाद सिंह को ट्रैफिक ड‍िपार्टमेंट में भेज दिया गया।

श्रीनगर एयरपोर्ट पर तैनात था देविंदर
गिरफ्तारी के समय देविंदर सिंह जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस की ऐंटी हाईजैकिंग टीम का सदस्‍य था और श्रीनगर इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर तैनात था। इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साफ किया कि सिंह को गृह मंत्रालय की ओर से कोई वीरता पदक नहीं दिया गया था। पुलिस की ओर से सफाई दी गई है कि केंद्र सरकार की ओर से देविंदर को कोई भी वीरता पदक नहीं मिला है। उसे सर्विस के दौरान केवल जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से स्वतंत्रता दिवस पर 2018 में वीरता पदक दिया गया था। पुलवामा पुलिस लाइन में हुए फिदायीन हमले के दौरान चलाए गए ऑपरेशन के लिए उसे यह पदक दिया गया था।

NIA को सौंपी गई जांच, जल्द ही अपनी रिमांड में लेगी
जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से हिज्‍बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किए गए डीएसपी देविंदर सिंह की जांच एनआईए को सौंप दी गई है। खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, अब तक की पूछताछ के दौरान यह सामने आया है कि देविंदर पाकिस्तान मे बैठे एक आंतकी आका का निर्देश मानता था। उसके जरिये वह आतंकी नवीद के संपर्क में आया। सूत्रों ने इस आंतकी आका का नाम इरफान बताया गया है। एनआईए देविंदर सिंह को जांच के लिए जल्द ही दिल्ली ला सकती है।

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