नई दिल्ली: दिल्ली में 1 अप्रैल से गलत लेन में बस चलाने वाले बस चालकों का चालान कटेगा और बार-बार नियम तोड़ने पर केस दर्ज करने और DL रद्द करने का भी प्रावधान है। दिल्ली विधानसभा में परिवहन मंत्री ने ये जानकारी देते हुए आदेश जारी किया है।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली में 1 अप्रैल से परिवहन विभाग एनफोर्समेंट ड्राइव चला रही है। इसमें हमने एक ऑर्डर जारी किया है जो ड्राइवर बस लेन में नहीं चलेगा तो पहली बार नियम तोड़ने में 10 हज़ार का फाइन होगा।
दूसरी बार मे डेंजरस ड्राइविंग 184 के तहत केस होगा, तीसरी बार तोड़ने पर DL रद्द कर दिया जाएगा। चौथी बार तोड़ने पर निजी बसों का परमिट कैंसिल किया जाएगा। बहुत जल्द हम व्हाट्सऐप नंबर शुरू करेंगे कि अगर कोई बस चालक नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो वीडियो बनाकर हमें डाल दें, हम उसे एविडेंस मानकर कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि कुछ दिन पहले परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट किया था कि दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए, अरविंद केजरीवाल सरकार यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और भीड़भाड़ से निपटने के लिए बस लेन प्रवर्तन अभियान शुरू कर रही है। ड्राइवर संवेदीकरण के लिए डीटीसी और क्लस्टर को और पीडब्लूडी व पुलिस फोर्स को बस लेन और परिवहन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
बयान में उल्लेख किया गया है कि उल्लंघन करने वालों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और दिल्ली रखरखाव और पार्किंग स्थल प्रबंधन नियम, 2019 के प्रावधानों के तहत दंडित और मुकदमा चलाया जाएगा।
परिवहन विभाग ने अपने सार्वजनिक बेड़े संचालकों – दिल्ली परिवहन निगम और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड को अपने ड्राइवरों को संवेदनशील बनाने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। बयान के मुताबिक अभियान के हिस्से के रूप में, लोक निर्माण विभाग को उपयुक्त स्थानों पर चेतावनी संकेत बोर्ड लगाकर गलियारों को चिह्नित करने और ठीक से पहचानने का निर्देश दिया गया है।
यदि कोई हल्का मोटर वाहन, जैसे कार चिह्नित बस लेन में खड़ी पाई जाती है और उसका मालिक या चालक उसे हटाने से मना करता है, तो वाहन उठा लिया जाएगा और चालक को जुर्माना देना होगा।
लेन अनुशासन लागू करने के लिए परिवहन विभाग दो पालियों में दो टीमों को तैनात करेगा। बस लेन में बाधा डालने वाले वाहनों को पकड़ने और हटाने के लिए क्रेन भी तैनात की जाएगी। बयान में कहा गया है कि बाधा डालने वाले वाहनों के वीडियो या तस्वीरें सबूत के तौर पर ली जाएंगी।