ट्विन टावर में 3700 किलो बारूद से 12 सेकेंड में उड़ जाएंगे 915 फ्लैट

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नई दिल्ली: चंद घंटे बाद नोएडा (Noida) में आसमान छूते ट्विन (TWIN) टावर (tower) जमीन में मिल जाएंगे। तैयारी पूरी हो चुकी है। सेक्टर 93 ए स्थित 32 और 29 मंजिला दोनों टावर में 3700 किलो विस्फोटक लगाए गए हैं, जो महज 9-12 सेकेंड में इन्हें मलबे के ढेर में बदल देंगे। 102 मीटर ऊंचे टावर 11 मीटर मलबे के ढेर में बदल जाएंगे।

ट्विन (TWIN) टावर (tower) को गिराए जाने से पहले आसपास की कुछ सोसायटी को एहतियातन खाली कराया जा चुका है। करीब 7 हजार परिवारों को घर छोड़ना पड़ा है। इलाके के सभी रास्ते सील कर दिए गए हैं।

छह सोसायटी के लोगों को छत पर जाने से मना किया गया है। हालांकि, टावर गिराने की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी और विशेषज्ञों का दावा है कि आसपास की इमारतों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

किस गलती की दी जा रही सजा

नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन करने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेक्टर 93 ए सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में बने ट्विन टावर ध्वस्त किए जा रहे हैं। सुपरटेक बिल्डर ने ट्विन टावर के स्थान पर पहले खरीदारों को हरियाला का स्थान बताया था।

सुविधाओं को देखते हुए खरीदारों ने एमरॉल्ड कोर्ट परियोजना में फ्लैट बुक कराए। लेकिन बाद में बिल्डर ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी से साठगांठ करके नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन कर यहां ट्विन टावर खड़े कर दिए। नियमों के तहत टावर के बीच की दूरी 16 मीटर होनी चाहिए, लेकिन यहां पर सिर्फ 9 मीटर छोड़ी गई।

देश में पहली बार गिरेगी इतनी ऊंची इमारत

देश में पहली बार इतनी ऊंची इमारत को गिराया जा रहा है। इससे पहले केरल के कोच्चि में अपार्टमेंट कॉम्पलेक्स को इसी कंपनी ने गिराया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में कोच्चि के मराडू में नियम विरूद्ध बनाए गए चार आपर्टमेंट ध्वस्त करने का आदेश दिया था। यह इमारत 65 मीटर ऊंची थी। जनवरी 2020 में इसे गिराया गया था। इसमें 343 फ्लैट बने थे। ध्वस्तीकरण से आसपास की इमारतों में कोई नुकसान नहीं हुआ।

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