नई दिल्ली: भारत ने आज (1 दिसंबर) से औपचारिक रूप से G20 का अध्यक्ष पद संभाल लिया है। भारत पूरे एक साल के लिए दुनिया के आर्थिक रूप से संपन्न देशों के समूह G20 की अध्यक्षता करेगा।
India’s G20 agenda will be inclusive, ambitious, action-oriented: PM Modi
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— ANI Digital (@ani_digital) December 1, 2022
जी-20 दुनियाभर के कारोबार का 75 फीसदी से ज्यादा और दुनिया की दो-तिहाई आबादी का भी प्रतिनिधत्व करता है। G20 की अध्यक्षता संभालते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया सामने आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज जैसे कि भारत ने अपनी G-20 अध्यक्षता शुरू कर दी है, इस पर कुछ विचार लिखे हैं कि हम आने वाले वर्ष में वैश्विक भलाई के लिए समावेशी, महत्वाकांक्षी और निर्णायक एजेंडे के आधार पर कैसे काम करना चाहते हैं।
G20 की पिछली 17 अध्यक्षताओं के दौरान आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने, इंटरनेशनल टैक्सेशन को तर्कसंगत बनाने और विभिन्न देशों के सिर से कर्ज के बोझ को कम करने समेत कई महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं।”
प्रधानमंत्री ने जाहिर की चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “पूरे इतिहास के दौरान मानवता का जो स्वरूप होना चाहिए था, उसमें एक प्रकार की कमी दिखी। हम सीमित संसाधनों के लिए लड़े, क्योंकि हमारा अस्तित्व दूसरों को उन संसाधनों से वंचित कर देने पर निर्भर था।
दुर्भाग्य से हम आज भी उसी शून्य-योग की मानसिकता में अटके हुए हैं। हम इसे तब देखते हैं, जब विभिन्न देश या क्षेत्र, संसाधनों के लिए आपस में लड़ते हैं। हम इसे तब देखते हैं, जब आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को हथियार बनाया जाता है। हम इसे तब देखते हैं, जब कुछ लोगों द्वारा टीकों की जमाखोरी की जाती है, भले ही अरबों लोग बीमारियों से असुरक्षित हों।”
‘क्या G20 अभी भी और आगे बढ़ सकता है?’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “हम इन उपलब्धियों से लाभान्वित होंगे और यहां से और आगे की ओर बढ़ेंगे। अब जबकि भारत ने इस महत्वपूर्ण पद को ग्रहण किया है, मैं अपने आपसे यह पूछता हूं- क्या जी-20 अभी भी और आगे बढ़ सकता है? क्या हम समग्र मानवता के कल्याण के लिए मानसिकता में मूलभूत बदलाव को उत्प्रेरित कर सकते हैं?” पीएम ने कहा कि मेरा विश्वास है कि हां, हम ऐसा कर सकते हैं।