उत्तराखंड (Uttrakhand) के चमोली (Chamoli) में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अबतक 14 शव बरामद हुए हैं। हालांकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। इस तबाही के बाद से करीब 170 लोग लापता हैं।
The operation to rescue the people trapped in a tunnel is underway. Efforts are on to clear the tunnel with the help of JCB machine. A total of 15 people have been rescued and 14 bodies have been recovered from different places so far: Chamoli Police, Uttarakhand pic.twitter.com/6scE7Okt7o
— ANI (@ANI) February 8, 2021
इस हादसे में तपोवन का पावर प्रोजेक्ट तबाह हो गया है। कल आईटीबीपी (ITBP) ने टनल में फंसे 12 लोगों को निकाला है। वहीं, दूसरे टनल में अब भी करीब 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है।फिलहाल बचाव कार्य लगातार तेजी से चल रहा है।
Uttarakhand: Rescue operation continues on the second day at Joshimath in Chamoli where a flash flood, triggered due to glacier burst, occurred y’day.
12 people were rescued from one tunnel y’day. The second tunnel is being cleared with the help of JCB machines to rescue people pic.twitter.com/WEe0qA6rXi
— ANI (@ANI) February 8, 2021
रैणी गांव में 100 से ज्यादा लोग लापता
चमोली जिले में रात भर राहत और बचाव के काम चलता रहा। आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार बचाव काम में लगी हुई हैं। थोड़ी देर में वायुसेना भी राहत के काम में लग जाएगी। सबसे ज्यादा नुकसान रैणी गांव के लोगों को हुआ है। यहां 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। चमोली पुलिस ने ट्वीट कर लोगों को सतर्क रहने को भी कहा है।
#Uttarakhand: Visuals from yesterday when the Indo Tibetan Border Police(ITBP) personnel started digging to find the way to tunnel near Tapovan, Chamoli to rescue the persons trapped inside
(Pictures Source: ITBP) pic.twitter.com/QkGK6m2Gbj
— ANI (@ANI) February 8, 2021
ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट तबाह
सबसे पहले रैणी गांव के पास ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में सैलाब ने तबाही मचाई। पावर प्रोजेक्ट को ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को तहस-नहस कर दिया। सैलाब में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट 2005 में बना था। ये पावर प्रोजेक्ट 13 मेगावॉट से ज्यादा क्षमता का निजी प्रोजेक्ट है।
इस पावर प्रोजेक्ट को लेकर कई विवाद भी रहेस हालांकि यहां पर बिजली उत्पादन शुरू हो गया था। इस प्रोजेक्ट में करीब 35 लोग काम करते थे, जिनमें चार पुलिसकर्मी की भी ड्यटी थी। दो छुट्टी पर थे और दो लापता हैं। करीब 30 लोग अभी भी लापता है।
तबाही की खबर आते ही प्रशासन एक्टिव हो गया। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री हर तरफ दिशा निर्देश आने शुरू हो गए। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50-50 हजार रुपए का ऐलान किया है। जबकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है।
यूपी के बिजनौर में भी अलर्ट जारी
इस वक्त बचाव कामों में आर्मी, एयरफोर्स. आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान जुटे हैं। उत्तराखंड के जोशीमठ में धौलीगंगा नदी में ग्लेशियर टूटने से बाढ़ आई। जो आगे अलकनंदा में मिलते हुए गंगा नदी के रूप में हरिद्वार तक जाती है। इसीलिए ऐहतियातन यूपी के बिजनौर तक में अलर्ट जारी किया गया।