सालो के इंतजार के बाद सेना को मिलेगीं बुलेट प्रूफ जैकेट

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जम्मू-कश्मीर में लगातार सीमा पर भारतीय सेना के जवानों को पाकिस्तानी सेना अपनी गोलियों से निशाना बनती रहती है। इस नापाक हरकत और खुद गोली खाने वाले मेजर ने इसी को देखते हुए स्वदेशी सर्वत्र बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण किया है जो स्नाइपर राइफल की गोलियों से सुरक्षा प्रदान कर सकती है। नियंत्रण रेखा और कश्मीर घाटी में कई स्नाइपर की घटनाएं घटित होने के बाद इस परियोजना पर कार्य शुरू हुआ।

जैकेट विकसित करने वाले मेजर अनूप मिश्रा ने बताया कि हमने लेवल 4 बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है। इसे पुणे के मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज में विकसित किया गया। ये जैकेट स्नाइपर राइफल्स से दागी गई गोलियों से पूरे शरीर को सुरक्षा प्रदान करती है। ऐसी क्षमता रखने वाला भारत दुनिया का तीसरा देश है। सोमवार को आर्मी टेक्नोलॉजी सेमिनार में सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने मेजर मिश्रा को आर्मी डिजाइन ब्यूरो एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया था।

जल्द सीमा पर तैनात हर जवान के पास होगा यह कवच 
मेजर मिश्रा का कहना हैं कि नियंत्रण रेखा और कश्मीर घाटी में स्नाइपर हमलों को देखते हुए जवानों की पूरे शरीर के लिए सुरक्षा कवच देने की जरूरत महसूस हुई। मेजर मिश्रा ने कहा कि जैकेट को इन्फैन्ट्री की ओर से अपने टेस्टिंग पैमाने पर परखा जा चुका है। भारतीय सेना की ओर से फुल बॉडी प्रोटेक्शन बुलेट प्रूफ जैकेट्स के लिए टेंडर जारी किए जाना प्रत्याशित है। इनका उत्पादन भारतीय रक्षा उद्योग से जुड़े किसी सहयोगी की ओर से किया जाएगा।

 

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